*बदलतेे मौसम से सावधान-डॉ रवि कांत त्रिपाठी*
राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अंबेडकरनगर
स्वच्छता ही जीवन का मूल मंत्र है वातावरणीय परिवर्तन के समय हमारी शरीर वातावरण के अनुकूल अपने को डालने की प्रक्रिया में व्यस्त रहती है तब शरीर का आंतरिक वातावरण प्रकृति वातावरण से सामंजस्य स्थापित करती रहती है तो वह समय रोगों की संभावनाओं के लिए उपयुक्त समय होता है क्योंकि इस समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता वातावरण के सापेक्ष सामंजस्य स्थापित कर रही होती है इस समय जरा सी असावधानी विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोगों की जनक हो सकती है वर्तमान में बाढ़ और फिर बाढ़ से उपजा कीचड़ और जलभराव तमाम प्रकार की वायरल बुखार त्वचा रोग खुजली दाद दस्त संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं
जगह-जगह गंदे व साफ पानी में मच्छरों के प्रजनन व उत्पत्ति की दर बढ़ गई है जिससे कई तरह के संक्रामक रोग मनुष्य को अपने चपेट में ले रहे हैं विशेषकर मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया व जापानी इंसेफेलाइटिस है इस समय आम जनता को अधिक सतर्क व सावधान व जागरूक रहने की आवश्यकता है वर्तमान में लगभग लगभग सभी जगहों से डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है यह एक प्रकार के वायरस से होने वाला रोग है जो मच्छरों द्वारा फैलता है जिसमें व्यक्ति को तेज बुखार शरीर में दर्द त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं जिसकी पुष्टि रक्त के परीक्षण के द्वारा की जा सकती है यह वायरस सफेद धारीदार मच्छरों की प्रजाति जिसे एडीज कहते हैं के काटने से मनुष्यों में फैलता है
डेंगू के पहचान व लक्षण-
इसकी दो प्रमुख अवस्थाएं होती हैं पहली प्राथमिक अवस्था जिसमें तेज बुखार सर दर्द बदन दर्द पीठ में दर्द मिचली आना सुस्ती आंखों में जलन चेहरे पर सूजन आदि हो सकते हैं ठीक तरीके से उपचार से या हफ्ते भर में ठीक हो जाते हैं द्वितीयक अवस्था तेज बुखार लीवर की कार्यक्षमता प्रभावित होना प्लेटलेट्स की कमी कमजोरी बढ़ जाती है उल्टी पेट दर्द जोड़ों में दर्द त्वचा के नीचे नाक मसूड़ों से रक्तस्राव हो सकता है खून का ना जमुना आदि लक्षण भी पाए जाते हैं इस अवस्था को हेमोरेजिक शॉक सिंड्रोम कहते हैं यह आकस्मिक स्थिति हो सकती है जिसमें व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचना आवश्यक है जिस में प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट आने लगती है
बचाव एवं सावधानी-
*इस मौसम में बुखार को नजरअंदाज ना करें
*बिना चिकित्सकीय परामर्श के बुखार उतारने की दवा व दर्द निवारक दवाओं के प्रयोग से बचें
* घर या आसपास साफ सफाई रखें पानी ना एकत्र होने दे समय-समय पर मिट्टी का तेल या कीटनाशक का छिड़काव करें
* नीम का धुंआ भी कर सकते हैं
* सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें
* पहनने में ऐसे कपड़े का प्रयोग करें जिससे पूरा शरीर ढका रहे।
रिपोर्ट- विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर
You must be logged in to post a comment.