*लीलाधर शुक्ला ने हाईकोर्ट की ली शरण शासकीय धनराशि गबन का लंबित है प्रकरण*

चित्रकूट। जिला के विकासखंड कर्वी में जॉइंट वीडियो के पद पर सेवा दे रहा अधिकारी इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जहां इस अधिकारी के चाहने वाले कई लोग अधिकारी के गुणगान सोशल मीडिया पर कर वाहवाही बता रहे हैं तो दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के भी पाक साफ अधिकारी पर आरोप लगे हुए हैं और अधिकारी के ऊपर थाने में प्रकरण भी दर्ज किया गया है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रथम दृश्य में अधिकारी दोषी पाया गया है और यही वजह है कि अधिकारी के ऊपर मामला दर्ज हुआ है । गनीमत यह रही है कि अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए शासकीय धन राशि का बंदरबांट करने वाला अधिकारी हाईकोर्ट की शरण में गया और हाईकोर्ट ने अधिकारी को कुछ समय के लिए राहत दे दिया है और यही वजह है कि अधिकारी लोगों के बीच अपने आप को पाक साफ साबित करने के लिए अपने समर्थकों के द्वारा सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है।

 

मामला ये है- लीलाधर शुक्ला के कारनामों की कई ग्राम पंचायत के लोगों के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर जिला के कलेक्टर उच्च अधिकारियों से प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी एवम अपात्र लोगों का नाम शामिल करने को लेकर शिकायत भी की गई है । जिसमें शिकायतकर्ता लोगों ने कहा है कि लीलाधर शुक्ला के द्वारा सुविधा शुल्क लेकर अपात्र लोगों को आवास देने का काम किया जा रहा है । और सभी ग्राम पंचायतों में दलाली करने के लिए अपने प्रतिनिधि बनाए गए हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने वाले लोगों से वसूली करते हैं । इस अधिकारी के द्वारा पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ना देते हुए तरह-तरह की शासन की गाइड लाइन का हवाला देकर सूची से नाम काट दिया जाता है । और अपात्र लोगों के नाम शामिल कर लिए जाते हैं । यदि बात करें हम पूर्व कार्यकाल की तो इनके द्वारा इतने बड़े महान कार्य किए गए हैं कि उन महान कार्यों में बचने के लिए महोदय को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। पाक साफ अधिकारी के द्वारा 2017 में इटखरी ग्राम पंचायत में लीलाधर के द्वारा भ्रष्टाचार की लीला रची गई है और इन्हीं लीलाओं के कारण महोदय के ऊपर शासकीय धन के गबन का आरोप लगा और प्रथम दृष्टा आरोप सिद्ध होने पर कई धाराओं में मामला दर्ज हो गया। महोदय अपनी साख बचाने के लिए जब जाने कि अब जेल जाना पड़ेगा तो हाईकोर्ट की शरण ली गई और वहां से स्टे ऑर्डर लिया गया है। मामला अभी भी शासकीय धनराशि के बंदरबांट का न्यायालय में विचाराधीन है।

 

*भ्रष्ट अधिकारी के समर्थकों ने सोशल मीडिया को बनाया सहारा* – जॉइंट विकास खंड अधिकारी के समर्थकों की इस समय सोशल मीडिया पर भरमार है एक ओर जहां शासकीय धन राशि के बंदरबांट का आरोप पाक साफ अधिकारी पर लगा है और हाईकोर्ट ने पाक साफ अधिकारी को राहत दी है तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र लोगों को पात्र बनाकर लाभ देने का मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है । सोशल मीडिया पर चारों तरफ पाक साफ अधिकारी की साफ छवि को लेकर लोग तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं । वंही पूर्व में भी पाक साफ अधिकारी पर शासकीय धनराशि के बंदरबांट का आरोप लगा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो अधिकारी पूर्व में शासन की धनराशि का गबन किया हो वह वर्तमान में कितना साफ छवि वाला होगा लेकिन उनके समर्थकों के द्वारा बताया जा रहा है कि महोदय बिल्कुल दूध के धुले हैं लेकिन जांच होने पर पाक साफ अधिकारी की छवि कितनी बची रहेगी यह आने वाला समय ही बताएगा।

 

*जब तक साफ अधिकारी तो हाईकोर्ट की क्यों ली शरण* वर्तमान समय में अधिकारी की छवि को लेकर लोगों की जुबान में एक ही बात सुनने को मिल रही है। जब महोदय इतने ईमानदार हैं तो आखिर कैसे इटखरी ग्रामपंचायत में शासकीय धन राशि के गबन को लेकर मुकदमा झेल रहे हैं और ऐसे पाक साफ अधिकारी के ऊपर प्रकरण दर्ज हो गया है। इस मामले से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना पाक साफ यह भ्रष्ट अधिकारी होगा वैसे शासन के द्वारा कई ऐसी योजनाओं की शुरुआत की जा रही है ताकि गरीब लोगों को किसी ना किसी रूप में मदद कर दी जाए लेकिन महोदय के द्वारा एक और जहां शासन की महती योजनाओं का लाभ अपात्र लोगों को इस नियत से दिया जा रहा है कि महोदय को वह समय से चुनौती चढ़ा देंगे ।जबकि गरीब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है कच्चे मकान में रहने वाले व शासन की गाइड लाइन में सही उतारने वाले लोग आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भटक रहे हैं जबकि अपात्र लोगों के नाम हमेशा सूची में देखे जाते हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भ्रष्ट अधिकारी के द्वारा शासन की योजनाओं का कितना दुरुपयोग किया जा रहा है। वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के कारनामों की कब जांच होगी और दोषी पर कार्रवाई होगी।

 

*आखिर कब होगी इनके कारनामों की जांच*- ग्रामीण क्षेत्र के जहां सैकड़ों की संख्या में लोग भ्रष्ट अधिकारी के कारनामों को लेकर जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से कार्रवाई की मांग की है तो अब लगातार ग्रामीणों के द्वारा इनके द्वारा पूर्व में जहां जहां सेवा दी गई है वहां सभी तरह की पूर्ण जांच कराने की मांग की जा रही है लोगों का कहना है कि इनके द्वारा 2017 में जब शासकीय राशि की बंदरबांट को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनके द्वारा जहां-जहां सेवा दी गई होगी सभी जगह जमकर भ्रष्टाचार किया गया होगा लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि उत्तर प्रदेश के सूबे की सरकार इनके कारनामों की कब जांच कर कार्रवाई करेगी।

 

*जब शासकीय धनराशि के गबन का लगा आरोप तो कैसी हुई पदोन्नति* – सूत्रों की मानें तो कहना है कि जॉइंट BDO की जिले से लेकर भाजपा के कई समर्थकों से अच्छी पकड़ है और यही वजह है कि उन्हीं पकड़ का पाक साफ अधिकारी के द्वारा फायदा उठाया जा रहा है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी का यदि सफेदपोश धारी और जिले के उच्च अधिकारी साथ देते रहेंगे तो उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के जो सपने हैं उस पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छूटेगी क्या उत्तर प्रदेश सरकार की जो रणनीति है उसमें ऐसे ही भ्रष्ट अधिकारियों को प्रमोशन देने का प्रावधान है।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट