राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अंबेडकरनगर
भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) का नौवां संस्करण इस वर्ष फरीदाबाद में 17 से 20 जनवरी को आयोजित किया जा रहा
है। विद्यार्थी विज्ञान मंथन,विज्ञान भारती अंबेडकरनगर के जिला समन्वयक नीरज यादव ने बताया कि यह सम्मेलन भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय,पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय,अंतरिक्ष विभाग,परमाणु ऊर्जा विभाग,एवं विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
इस वर्ष आईआईएसएफ का थीम प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के साथ “अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वजन तक पहुंच”है । आईआईएसएफ के अलग अलग संस्करण हर वर्ष देश के विभिन्न प्रांतों में आयोजित किए जाते हैं । आईआईएसएफ का मूल उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियों को भारत के जनमानस तक पहुंचाना, स्वदेशी विज्ञान की भावना एवं नवाचार को बढ़ावा देना, तथा वैज्ञानिक चेतना का भाव जाग्रत करना है। हर वर्ष यह सम्मेलन एक उत्सव के रूप में विज्ञान के प्रसार एवं जनमानस को विज्ञान के साथ जोड़ने के लिए आयोजित होता है। इस वर्ष आईआईएसएफ में महिला वैज्ञानिक,नवप्रवर्तक,युवा वैज्ञानिक, विज्ञान शिक्षक,विज्ञान संचारक, किसान,नवउद्धमीं,स्टार्टअप्स,एवं छात्रों इत्यादि पर केंद्रित 15 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही साथ भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक विभाग डीआरडीओ,सीएसआईआर, इसरो, डीबीटी,डीएसटी,
आईसीएमआर,आईसीएआर इत्यादि में विकसित प्रौद्योगिकियों को आम जनता को देखने एवम वैज्ञानिकों से चर्चा का अवसर प्राप्त होगा । आईआईएसएफ में भाग लेने हेतु आधाकारिक वेबसाइट scienceindiafest.org पर पंजीकरण कर सकते हैं।
आईआईएसएफ का एक प्रमुख कार्यक्रम युवा वैज्ञानिक सम्मेलन
(वाईएससी) जिसके राष्ट्रीय समन्वयक डॉ रजनीश चतुर्वेदी ने बताया की
इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश विदेश से प्रख्यात वैज्ञानिक एवं युवा वैज्ञानिक सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया की इसमें प्रतिभाग के लिए लगभग 2500 युवा वैज्ञानिको,शोध छात्रों,डॉक्टोरल एवम पोस्टडॉक्टरल फेलो,नवाचारियों इत्यादि ने ऑनलाइन माध्यम से अपने शोध कार्य भेजे।जिसमें से लगभग 400 युवा वैज्ञानिको को इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस सम्मेलन का उद्देश्य विज्ञान के आधुनिक क्षेत्रों में कार्य कर रहे युवा शोधकर्ताओं को एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देने हेतु एक मंच प्रदान करना है। इसमें भारत के राष्ट्रीय शोध संस्थानों,शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों से 45 वर्ष से कम आयु के चुनिंदा अनुसंधान विद्वानों,शिक्षाविदों,वैज्ञानिकों, उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को इसमें अपने वैज्ञानिक अनुभव साझा करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसमें विस्तार से अनुसंधान एवं विकास का समृद्ध भारत बनाने में योगदान एवम “अमृत काल” के लिए देश की शोध दृष्टि पर चर्चा होगी। वाईएससी युवा शोधकर्ताओं को अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ एवम नवाचार प्रदर्शित करने,देश के समक्ष उपस्थित चुनौतियों एवं उनका वैज्ञानिक समाधान,नए शोध अवसरों की पहचान करने,सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त करने में विज्ञान के योगदान इत्यादि पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। इस सम्मेलन में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,मशीन लर्निंग,स्पेस रिसर्च एवम सोसाइटी,पुरातन भारतीय ज्ञान विज्ञान,पर्यावरण,जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास,जैव,चिकित्सा एवं रसायनिक विज्ञान के आधुनिक आयाम विषयों पर जानकारों एवम युवा वैज्ञानिकों द्वारा अपने शोध कार्य का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। इस सम्मेलन का एक प्रमुख सत्र पूर्वोत्तर, जम्मू और कश्मीर,लेह और लद्दाख में विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार एवम विज्ञान का अमृत काल में समृद्ध भारत बनाने में योगदान पर मंथन होगा ।
रिपोर्ट विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर
You must be logged in to post a comment.