पूर्वांचल विकास शिखर सम्मेलन जौनपुर_२०२० डॉ प्रभात विक्रम सिंह

उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर

पूर्वांचल विकास शिखर सम्मेलन/ चौथे दिन १२ अप्रैल, २०२० का कार्यक्रम
स्थान: शहीद स्मारक, धनियामऊ व सल्तनत बहादुर डिग्री कॉलेज बदलापुर-जौनपुर

देश की आज़ादी की लड़ाई में पूर्वांचल का अग्रणी योगदान रहा है। पूर्वांचल ने सदा से स्वाधीनता और स्वतंत्रता की अलख जगाई है, और राष्ट्रीयता की भावना का सदैव संरक्षण किया है। पूर्वांचल विकास शिखर सम्मेलन के चौथे दिन १२ अप्रैल, २०२० को शहीद स्मारक, धनियामऊ पर पूर्वांचल के स्वाधीनता संघर्ष और स्वाधीनता सेनानियों को याद किया जाएगा। इसमें सेनापुर और हौज गांव के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में डॉ. प्रभात विक्रम सिंह को विशिष्ट अतिथि के रूप में निमंत्रित किया गया है। जो १९४२ में अंग्रेजों भारत छोडो आंदोलन के दौरान धनियामऊ पुल तोड़ते समय शहीद हुए स्व. श्री जमींदार सिंह जी के प्रपौत्र हैं।

शहीद जमींदार सिंह जी का जन्म बक्शा ब्लॉक के हैदरपुर गाँव में एक मध्यमवर्गीय जमींदार परिवार में हुआ था। अंग्रेजों भारत छोडो आंदोलन के दौरान श्री सिंह सिंगरामऊ स्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र थे। १९४२ के आंदोलन के दौरान १६ अगस्त को धनियामऊ पुल तोड़ते समय वे अंग्रेजों की गोली के शिकार हुए। उस समय उनकी उम्र महज १७ साल थी। शहादत के कुछ महीनों पहले ही श्री सिंह का विवाह हुआ था. उनकी पत्नी उस समय तीन माह के गर्भ से थीं। शहादत के बाद जन्मे इस बेटे का नाम क्रांति प्रताप सिंह रखा गया।

श्री जमींदार सिंह की शहादत के बाद भी उनके परिवार से क्रांति की लौ जलती रही। उनके छोटे भाई श्री अमलदार सिंह आंदोलन में शरीक हो गए। उस वक्त वे केवल १५ साल के थे। आगे चल कर वे भारतीय मज़दूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भारतीय रेलवे मज़दूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

चित्र: डॉ. प्रभात विक्रम सिंह

पधारें बदलापुर १२ अप्रैल, २०२०

रिपोर्ट ‌अभिषेक शुक्ला