उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) कानपुर/ मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना यह लाइन की पंक्तिया मो.जमील पर सठीक बैठती है।जहाँ पूरे देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन के एलान से कई लोगों को भोजन की बड़ी दिक्कत हो गई है।कामकाज बंद होने से कई लोगों की कमाई बंद हो गई है। इसके चलते उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं। वे जरूरतमंद लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं। ऐसे में ही एक अध्यापक ऐसे भी हैं जो अपने खर्चे से भूखे लोगों को भोजन करा रहे हैं और उनका नाम है मोहम्मद जमील
*कौन है मो.जमील*
मो.जमील बेसिक शिक्षा विभाग के कल्यानपुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ईश्वरी गंज बिनौर में हेडमास्टर है के पद पर कार्यरत है। कोरोना वायरस लॉक डाउन के चलते विद्यालय बंद होने के बाद मो.जमील ने गरीबो और मजदूरो की सेवा करने की ठानी और मोहम्मद जमील ने भूखे लोगों को भोजन कराकर उनका पेट भरने का काम संभाला और उन्होंने अपनी टीम के साथ गरीब लोगों की मदद करने के लिए मैदान में उतर आए है।
*अपने पैसे से ला रहे रहे खाने का सामान*
इस मदद मैं सबसे बड़ी खूबी या है इन्होंने अपने पास अर्जित धन को बेसहारा व असहाय लोगों के पेट भरने में लगाने का प्रण किया। इनके साथ इनके टीम का भी पूरा सहयोग इनको मिलता है।मजबूर बेसहारा लोगो को दिन हो रात सूचना मिलने पर तुरंत राशन लेकर घर पहुँच जाते हैं।
*रोजाना लोगों को बांट रहे भोजन*
मोहम्मद जमील से बात करने पर बताया गया कि यह रोजाना डेढ़ से 200 लोगों का पेट भरने का काम करते हैं। जरूरतमंद लोगों को आटा,दाल,नमक,चावल,तेल,सब्जी आदि घर जाकर राहत सामग्री दे रहे है।
रिपोर्ट आकाश चौधरी कानपुर
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