उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) नसीराबाद रायबरेली – कहते है कि नोटों की खड़क के आगे जब फर्ज की धार कुंद हो जाए तो शराब के अवैध धंधे पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाता है। नसीराबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगभग दो दर्जन गांवों में अवैध शराब का धंधा कुटीर उद्योग की तरह जोरों पर चलता रहा है। जिस पर लगाम कसने में खाकी का लापरवाह रवैया हमेशा से ही सामने आता रहा है। आखिर एक थाना, उसकी दो से तीन पुलिस चौकियों के होते हुए भी कैसे चल रहा है शराब का यह अवैध कारोबार? कैसे बांटा जा रहा है नशे के नाम पर जहर?यह अपने आपमें कई तरह के सवाल पैदा करता हैं। जिनके जवाब इन्हीं सवालों में मिल जाया करते हैं। पर खाकी वाले हैं कि अपनी आदत से मजबूर हैं। शराब के अवैध कारोबार की सूचना मुखबिर से मिली तो सलोन सीओ रामकिशोर सिंह की मौजूदगी में पुलिस फोर्स सहित छापेमारी किया। श्रीमती मीरा पत्नी गोविंद पासी निवासी परैया नमकसार एवं रामरूप पुत्र राजाराम व सुमन पत्नी रामराज निवासी समेत कुल तीन अवैध शराब की बिक्री करने वालों से करीब 75 लीटर कच्ची शराब व कुंतलों लहन समेत भारी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण को जप्त कर लिया गया। पुलिसिया कार्रवाई में तीनों पर आबकारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। आखिर कब तक इस कार्रवाही को दिखाकर पुलिस बचती रहेगी अपनी जिम्मेदारी से। शराब के अवैध कारोबार पर कब लगेगा विराम? आखिर कब तक चलता रहेगा जहर का अवैध धंधा? जिसमें बर्बाद होती रही हैं सैकड़ों-हजारों जिंदगियां। कार्रवाई के कोरम से कच्ची शराब का बनाना और बिक्री बंद न होना अपने आप में बड़ा सवाल है। इसका जवाब ढूंढना होगा पुलिस और प्रशासन को।जिनके कंधे पर थानाक्षेत्र के लोगों को सुरक्षा का भरोसा है और जिम्मेदारी भी।
रिपोर्ट : – सुरजीत राज सलोन रायबरेली
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