विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया,राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से विद्यालय में किया पौधा रोपण।* *प्रधानाचार्य गुप्ता ने लॉक डाउन अवधि के समय छात्र-छात्राओं से अपने गांव-बस्ती में रहकर, वृक्षारोपण करनें का आवाह्न किया।

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद उपखंड के उप तहसील क्षैत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य सतीश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सेवा योजना सलाकार समिति की बैठक हुई सम्पन्न।बैठक में सत्र 2020-21 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के लिए स्वयं सेवकों का चयन करनें पर विचार-विमर्श किया गया।कार्यक्रम प्रभारी शंकर लाल नागर के अनुसार 10 वीं कक्षा पास करनें वाले सेवाभावी छात्र-छात्राओं मेसे इस योजना के तहत 55 सेवार्थियों का चयन इस किया जाएगा वैसे 50 बालक इसमें होते है परंतु 5 सेवार्थी अतिरिक्त लिए जाएंगे जिससे वर्ष के अंतराल में कोई छात्र विद्यालय छोड़ जाए तो उसके स्थान पर अतिरिक्त छात्र प्रवेशित कर लिया जावेगा।रष्ट्रीय सेवा योजना के तहत 120 घण्टे सेवाकार्य प्रति वर्ष किया जाता है 2 वर्ष के सेवाकाल पर सेवार्थी 240 घण्टे सेवाकार्य करता है जिसके फलस्वरूप उसे प्रमाण पत्र दिया जाता है।कार्यक्रम प्रभारी के अनुसार विद्यालय में 10 वीं पास कर 11 वीं कक्षा में प्रवेषित विद्यार्थी व्याख्याता आत्माराम रैगर से फॉर्म प्राप्त कर उसको भरकर अपना पॉसपोर्ट साईज फोटो लगा अपने आधार कार्ड और 10 वीं की अंक तालिका लगा 10 अगस्त,2020 तक एनएसएस प्रवेश फॉर्म जमा करा सकता है 11 अगस्त को फॉर्म की जांच कर 12 अगस्त को लिस्ट चस्पा कर दी जावेंगी।बैठक बाद स्टॉफ ने वर्ड नेचर कन्जर्वेशन दिवस मनाया इस अवसर पर जगदीश चन्द्र चौरसिया दीनदयाल नागर,चन्द्र सिंह कुशवाहा तथा व्याख्याता लखन लाल माली आत्माराम रैगर ने बड़ के पौधों का रोपण कर एनएसएस के सेवार्थियों ओर विद्यार्थियों से कोरोना काल में अपने गांव,बस्ती ओर घरों के बाहर खाली पड़ी भूमि या अपने गांव स्थित राजकीय भूमि में पौधारोपण करनें का आवाह्न किया।नागर ने वर्ड नेचर कन्जर्वेशन डे पर कहा कि पृथ्वी पर अभी नेचर प्रदूषित है और मनुष्य भी कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है।मनुष्य के द्वारा नेचर का अधिक दोहन कर विनाश के कंगार पर पहुँचा दिया है जिससे धरती पर जंगलों में रहने वाले जीवों की कई जातियां नष्ट हो गयी अब जंगलों में मंगलमय वातावरण नही रहा,संसार भर में नेचर बदल रही है वर्तमान में औषधि युक्त वातावरण नष्ट हो चुका है हमें इस हेतु पुनः नेचर कंजर्वेशन के लिए मिलकर कार्य करना होगा तभी हम धरती पर नेचर सुधार कर स्वर्गिक वातावरण बना रोगों से बच निरोगी रह सकेगें।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीयाा बारां छीपाबड़ौद