पति पत्नी अगर दोनों हे राजकीय सेवा में तो एक ही स्थान पर हो नियुक्ति :- राजस्थान हाई कोर्ट

राजस्थान ( दैनिक कर्म भूमि) बारां छबड़ा रविवार को प्राध्यापक संघ रेसला के सदस्यों के बीच वाट्सप पर आये आदेश के बारे में चर्चा की गयीं।मीडिया प्रभारी शंकर लाल नागर के अनुसार ब्लॉक रेसला के अध्यक्ष अशोक भार्गव सचिव रामस्वरूप,राजमल भार्गव बाबू लाल सुमन,ओम प्रकाश मीना आदि नें इस फैसले का स्वागत किया।आदेश के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक याचिका के तहत अहम आदेश पारित करते हुए कहा है की” अगर पति पत्नी दोनों राजकीय सेवा में है तो दोनों को एक ही स्थान या निकटतम स्थान पर पोस्टिंग दी जाए।”फैसले में सीकर जिले की रहने वाली टीचर मंजू वर्मा सीकर की रहने वाली है और उनकी नियुक्ति बाड़मेर में है जबकि उनके पति भी राजकीय सेवा में सीकर जिले में ही पहले से नियुक्त है। राजस्थान सरकार के परिपत्र 1980,2015 ओर 18.05.2020 के अनुसार अगर पति-पत्नी दोनों राजकीय सेवा में है तो एक ही स्थान या निकटतम दूरी के स्थान पर पोस्टिंग दी जाए परन्तु अक्षर इन आदेशों की पालना नही होती है इस पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने कार्मिक के हक में आदेश पारित करते हुए कहा कि अभ्यर्थी के प्रार्थना पत्र पर आदेशों के तहत सक्षम विभाग तीन सप्ताह में पोस्टिंग के आदेश पारित करे जिससें अभ्यर्थी अच्छी तरह कार्य कर सकें।रेसला के सदस्यों ने राजस्थान सरकार से ऐसे ही अन्य जिलों में अलग-अलग जगह दम्पति नोकरी कर रहे हो तो उन्हें भी राजस्थान के हाई कोर्ट के उक्त आदेश की पालना में रिक्त पदों के अनुसार आदेशों के तहत स्थानांतरित कर राहत प्रदान की जावें,जिससे पति-पत्नी एक साथ रह सके और उनका पारिवारिक जीवन सुखमय हो सकें। आशा है राजस्थान की जन कल्याण कारी सरकार अन्य स्थान परिवर्तन के प्रकरणों में भी विभागीय स्थानान्तण की नीति बना उसपर अमल करेंगी,ब्लॉक रेसला की सदस्यों के बीच फोन वार्ता के दौरान मीडिया प्रभारी नागर ने 2018 में राजस्थान के कई जगह के जिलों में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में शिक्षा संकुल जयपुर के वाक इन इंटरव्यू से आर.पी.बनें व्याख्याताओं को मार्च 2019 में हटा ब्लॉक से दूर अन्य ब्लॉकों में बिना कारण लगा दिया जबकि उसी ब्लॉक में रिक्त पद आज भी मौजूद है।सरकार ने एक वर्ष गुजर जानें पर भी ऐसे व्याख्याताओं की परिवेदनाओं पर आज तक भी न्याय नही किया जिससें आर.पी.बन व्याख्याता मूल विद्यालय से अलग हो पश्चाताप की अग्नि में जल रहे है।ऐसे व्याख्याताओ से ट्रान्सफर के नाम पर संशोधित आदेश या स्थानांतरण के लिए ओनलाइन फॉर्म भी भरवाये लेकिन आज तक सत्र 2020 भी आधा गुजरने को हे पर ट्रान्सफर नीति पर कुछ नही हुआ।ब्लॉक रेसला प्राध्यापक संघ,राज्य सरकार से ऐसे प्रकरणों में भी न्यायोचित न्याय की मांग करता है।आशा है कोरोना काल में इस पीड़ा का भी शिक्षा विभाग समय रहते कर्मचारी हित मे न्याय करेगा,संघ के रेसला ब्लॉक अध्यक्ष भार्गव ने भी प्रदेश स्तर के कर्मचारी नेताओं से अपील की गयीं की वो कर्मचारियों के हितों के लिए प्रयत्नरत रहें जिससे रेसला संग़ठन नीचे के स्तर से भी मजबूत हो सकेगा।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां