राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) छीपाबडौद:ब्लॉक के हरनावदा शाहजी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी शंकर लाल नागर ने एनएसएस सेवार्थीयों के मार्गदर्शन ओर ज्ञान वर्धन के लिए 3 दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का ओंनलाइन आयोजन किया।कार्यक्रम अधिकारी नागर के अनुसार 31 अगस्त तक विद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन कार्य बन्द है छात्र-छात्रा अपने घर पर ही आगामी शिक्षा विभाग के निर्देश जारी होनें तक अपने ग्राम,बस्ती,कस्बे में ओंन लाइन स्माईल शिक्षण कार्यक्रम से जुड़े हुए है।कोरोना-19 महामारी से बचनें के लिए सभी को मास्क,सोसियल डिस्टेन्स(एक दूसरे से 6 फीट की शारीरिक दूरी) ओर हाथों और शरीर को साबुन से बार-बार धोकर सेनिटाइज युक्त रखना है।अभिविन्यास कार्यक्रम में प्रथम दिन प्रधानाचार्य सतीश कुमार गुप्ता ने सेवार्थीयों ओर स्टॉफ तथा अभिभावकों से ओनलाइन ग्रुफ पर भेजे लिंक की एप्लिकेशन को डाउनलोड कर कार्यक्रम में भाग लेने और अपने ज्ञान को एक दूसरे को शेयर कर लाभान्वित करनें का आवाहन किया गया।शुक्रवार की प्रथम दिवस अभिविन्यास ओंनलाइन कार्यशाला में स्टॉफ के सभी साथियों नें सम्बोधित कर अपने विचार प्रेषित कर एनएसएस सेवार्थीयों से कोविड-19 महामारी से बचने-बचाने हेतु राजकीय स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ की जारी गाइड लाइन का पालन करनें तथा अन्य आमजन को भी प्रेरित करने का अनुरोध किया।कार्यक्रम अधिकारी शंकर लाल नागर नें 10 वीं पास 11 वीं के सेवाभावी छात्रों से एनएसएस से जुड़ने ओर अन्य लोगों को रासेयो के देय वाक्य पहले में नही आप के देय वाक्य के सिद्धांत का पालन कर सबके हित मे सेवा कार्य को ही अपना धर्म मान लोंगों में जनकल्याण की भावना से कार्य करनें को कहा गया।नागर ने वीडियो भेज अपनी वार्ता में राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य एवं गतिविधियों और केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गयीं जिनमें साक्षरता एवं युवाओं की भूमिका,जनसंख्या शिक्षा परिवार कल्याण,वृक्षारोपण,पर्यावरण संरक्षण,नशा मुक्ति,पॉलीथिन मुक्त परिवार,स्वास्थ्य शिक्षा,एड्स एवं कन्या भ्रूण हत्या नियंत्रण,जननी शिशु सुरक्षा,आपदा प्रबंधन,जल संवर्धन,स्वच्छता की जानकारी दी गयीं।एनएसएस अधिकारी व्याख्याता शंकर लाल नागर ने उपभोक्ता संरक्षण की जानकारी एवं सूचना का अधिकार,काम का अधिकार(मनरेगा)स्वरोजगार के बारे में भी बताया। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में युवाओं की भूमिका के साथ हरित राजस्थान में भी युवाओं के योगदान ओर सेवार्थीयों के सहयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयीं।नागर नें कहा कि जो नेटवर्क समस्या या अन्य कोई कारण से कार्यक्रम से नही जुड़ पाए तो वो अपनी बात सॉर्ट वीडियो बना शेयर कर सकते है।कार्यक्रम अधिकारी नागर नें हरित राजस्थान के तहत पंचायत समिति परिसर में सहजना पेड़ की कलमों का रोपण किया गया और इसके औषधीय गुणों के बारे में बताते हुए कहा कि सहजना का प्रयोग सदियों से भोजन में लोगों द्वारा सब्जी के रूप में किया जा रहा है इस पेड़ के फल,फूल,पत्ते,छाल,झड़े सभी काम आती है और मनुष्य ही नही जानवरों के पोषण के लिए भी अत्यंत पौष्टिक है और इसके पंचांग में बीमारियों को दूर करनें के औषधीय गुण भी बहुतायत में मौजूद हैं।नागर ने कहा कि महंगा आरओ भी पानी शुद्ध नही देता बल्कि पानी की पोषण क्षमता घटा देता है जबकि सहजना में पानी को शुद्ध करने के गुण भी मौजूद हैं पानी मे तुलसी के साथ सहजन की पत्तियों को भी डाल देने से पानी शुद्ध हो जाता है।सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है जो औषधियों के निर्माण में काम आता है और इसकी छाल पत्ती,गोंद,जड़ आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं।सहजन में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, कैल्शियम,पोटेशियम,आयरन, मैग्नीशियम,विटामिन ए,सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।सहजन को कई जगह मुनगा,सूरजने की फली और कहीं जगह मुरिंगा के नाम से जाना जाता है।इसके फल का इस्तेमाल सब्जी बनाने में करते है इसके फल और पत्तियों में गजब के आयुर्वेदिक फायदे छिपे हुए हैं।
ऐसा माना जाता है कि 100 ग्राम सहजन की पत्तियों में 5 गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है साथ ही एक नींबू की तुलना में इसमें 5 गुना ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है इसकी पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन-सी के साथ ही प्रोटीन,पोटैशिय,आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन-बी कॉम्पेक्स की भरपूर मात्रा मिलती है। यह कब्ज,गैस से उतपन्न,जोड़ो का दर्द,बवासीर जैसी समस्याओं का इलाज भी सहजन के पेड़ के पास मोंजूद है लगातार इसका सेवन किसी भी माध्यम से करते रहने से महिलाओं के तमाम रोग भी इसके सेवन से दूर हो जाते है।छाती में जलन,एसिडिटी ओर कुछ ही दिनों के सेवन से बवासीर और कब्जियत की समस्या भी कंट्रोल हो जाती है वहीं पेट की अन्य बीमारियों के लिए भी यह फायदेमंद ओर रामबाण औषधि है।सेवार्थीयों से कहा कि किसान भाइयों को सहजन पेड़ के लाभ बताकर इस पेड़ को गांव,कस्बे में रोपण कर संरक्षित किया जाना चाहिये।किसान भाई इसको खेतों की मेड पर लगा अतिरिक्त आमदनी भी कर सकते है।नागर ने अंत मे कहा इसके गुणों का अंत नही है सहजना में मौत को छोड़ सभी बीमारियों को दूर करनें की शक्ति है।घर पर इसके पौधे गमलों में भी लगाए जा सकते है कोरोना रोग से बचाव हेतु भी इसका सीमित प्रयोग ओर उपयोग आमजन कर सकते है।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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