राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद उपखंड एवं तहसील मुख्यालय स्थित उपखंड मुख्यालय पर पहुंचकर राजस्थान आदिवासी भील संयुक्त आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान नन्दकिशोर भील जिला अध्यक्ष बारां के नेतृत्व में राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा गया। राजस्थान आदिवासी भील संयुक्त संघर्ष समिति राजस्थान के जिला अध्यक्ष नन्दकिशोर भील ने जानकारी देते हुए बताया गया है कि राजस्थान आदिवासी भील संयुक्त आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के आदिवासी भील समाज के लोगों ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय राजस्थान सरकार के नाम छीपाबड़ौद उपखंड अधिकारी महोदय को उपखण्ड कार्यालय पर पहुंचकर भील समाज के लोगों ने कांकरी डोंगरी डूंगरपुर प्रकरण में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। कांकरी डोंगरी डूंगरपुर प्रकरण में मारे गए लोगों के साथ सरकार ने पांच दिवस में न्याय नहीं किया तो राजस्थान का पूरा भील समाज संभाग ओर जिला स्तर पर चैतावनी रेली निकालेगा महोदय जी उपरोक्त विषय अंतर्गत सादर निवेदन है कि काकरी डोंगरी डूंगरपुर प्रकरण में 18 दिन तक तृतीय श्रेणी के अध्यापक पदों 1167 पदों पर जनजातीय छात्रों द्वारा ही भरे जाने को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे थे जो उनका संविधान उत्तर अधिकार है इसमें सारा दोष सरकार का ही है संविधान की छठवीं अनुसूची के अनुसार स्वशासन स्थानीय आदिवासियों के हाथ में ही होना चाहिए वर्तमान सरकार से लेकर पूर्वर्ती सरकारों ने छठवीं अनुसूची लागू ही नहीं कि भूरिया कमेटी की रिपोर्ट को सरकार ने आज दिन तक लागू नहीं किया अनुसूची के अनुसार जनजातिय परिषद के निर्णय में राज्य सरकार केंद्र सरकार देश का कोई न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता कोई भी संगठन शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करता है सरकार ध्यान नहीं देती और आंदोलन उग्र हो जाता है तो सरकार सारा दोष आंदोलनकारियों पर थोप देती है झूठे मुकदमे बनाए जाते हैं पुलिस का गलत इस्तेमाल कर दमन चक्र चलाया जाता है जो ब्रिटिश काल की यादों को ताजा कर देता है हम सारे राजस्थान के आदिवासी आंदोलन कार्यों के साथ हैं इसके अतिरिक्त टीएफसी क्षेत्र से बाहर रहने वाले भी लो छात्रों को सहरिया आदिवासियों की भांति 25% आरक्षण सरकारी नौकरियों में 5% आरक्षण राजस्थान प्रशासनिक सेवा में दिया जाना न्यायोचित होगा हम 40 साल से इसकी मांग करते आ रहे हैं किंतु सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की हमें भी बाध्य होकर सड़कों पर आना पड़ेगा हाईवे जाम करना पड़ेगा अगर एक माह में बिखरी आबादी के बिलों के साथ सरकारी नौकरी में न्याय नहीं किया गया तो बिखरी क्षेत्र के आबादी क्षेत्र के बीच एक और मानगढ़ पहाड़ी की तरह अपने प्राणों का बलिदान देंगे।हम तो वैसे भी मरे हुए हैं बिना अधिकार के व्यक्ति मृत्यु होता है जब हम हर तरह से उपेक्षित हैं तो समाज के छात्रों के लिए क्यों ने पुलिस की गोली से शहीद होकर के आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बने वह उन का मार्ग प्रशस्त कर सके सरकार इस को हल्के में ना लें पूछी नासूर ना बन जाए इसके पहले ही डूंगरपुर प्रकरण में मारे गए लोगों के साथ न्याय व बिक्री आबादी के बीच समाज के छात्रों को सरकारी नौकरियों में सहरिया की भांति विशेष आरक्षण देने की कृपा करें अन्यथा कानून व्यवस्था बदतर हुई तो इसका सारा श्रेय राजस्थान सरकार का होगा आम इसमें दोषी नहीं है उपखंड मुख्यालय पर ज्ञापन सोंपते समय कार्यालय कर्मचारी को ज्ञापन सौंपा इस दौरान राजस्थान आदिवासी भील संयुक्त आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश महासचिव हरिशंकर भील दीगोद खालसा जिला अध्यक्ष नंदकिशोर भील बारां तहसील अध्यक्ष रामबाबू भील सेतकोलू वरिष्ठ कार्यकर्ता हरिराम भील जमनालाल मीणा गुराड़ी छीतरलाल गोरधनपुरा सामाजिक कार्यकर्ता इंसाफ अली छीपाबड़ौद समैत कई लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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