बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका घर, तथा मां पहला गुरु……. पूरण चौऋषिया

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि)बारां छीपाबड़ौद उपखंड एवं तहसील मुख्यालय स्थित कस्बा क्षेत्र में संचालित विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर ढोलम रोड़ छीपाबड़ौद एवं सुशीला देवी आदर्श विद्या मंदिर का मातृ सम्मेलन वर्चुअल ऑनलाइन जूम एप पर डा. एपीजे अब्दुल कलाम जयंती पर गुरुवार रात्रि को 8.00 बजे मुख्य अतिथि प्रियंका नागर सरपंच बमोरी घाटा, समिति सदस्या आशा मेघवाल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।समिति के अध्यक्ष दामोदर सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि मातृ सम्मेलन की प्रस्तावना जिला सचिव राजेन्द्र कुमार शर्मा ने प्रस्तुत की, मुख्य वक्ता पूरण चौऋषिया ने कहा कि बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका घर तथा प्रथम गुरु उसकी माँ होती हैं माताओं को अपनी शक्ति पहचानना चाहिए, माँ ही बालक को संस्कार देती हैं, क्योंकि माँ साक्षात देवी का स्वरूप होती है वही बालक को राम जैसा संस्कार वान, शिवाजी जैसा चरित्रवान, विवेकानंद जी जैसा राष्ट्र पुरुष बना सकती हैं, क्योंकि बालक के निर्माण में मां की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, जिस प्रकार कुम्हार कच्ची मिट्टी से घडा़ तैयार करता है उसी प्रकार मां को अपने बच्चों को तैयार करना है, क्योंकि आदर्श विद्या मंदिर का लक्ष्य देश भक्त नागरिक के संस्कारवान समाज के लिए उपयोगी व्यक्ति तैयार करना है आज के युग में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बच्चों में संस्कार नहीं देते हैं संस्कार देने का काम तो आदर्श विद्या मंदिर ही करते है विद्यालय से प्राप्त संस्कारों की पालना परिवार में भी होना चाहिए क्योंकि देश में अभी भी अनेक प्रकार की कुरुतियां विधमान है उनको दूर करने का काम विद्या भारती कर रही है, माताजी को जीजा बाई की तरह बचपन में बच्चों को भगवान राम, शिवाजी महाराज, विवेकानंद जी, महाराणा प्रताप, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की प्रेरणा दायक प्रसंग सुनाना चाहिए, मुख्य अतिथि प्रियंका नागर ने कहा कि आदर्श विद्या मंदिर ढोलम रोड़ छीपाबड़ौद विद्यालय ने 10 वीं बोर्ड परीक्षा में अभिषेक नागर 98.33 प्रतिशत दूसरी राज्य मेरिट, हर्ष गोयल 97.83 प्रतिशत चौथी राज्य मेरिट देकर छीपाबड़ौद जैसे छोटे से गाँव का नाम पूरे राजस्थान में किया है, ऐसा परीक्षा परिणाम शैक्षणिक नगरी कोटा भी नहीं दे सकी अत: यहाँ के प्रधानाचार्य व आचार्यों की कठोर तपस्या के कारण ही यह परिणाम आया है, श्रेष्ठ संस्कारों के साथ सर्वश्रेष्ठ परिणाम देना इस विद्यालय की परम्परा बन चुकी है | कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य हरिसिंह गोचर ने किया आभार व्यक्त प्रधानाचार्य जोधराज नागर ने किया कार्यक्रम में प्रान्तीय बालिका शिक्षा प्रमुख मनोरमा शर्मा, सत्यनारायण पांचाल घनश्याम वर्मा, शिवराज गूर्जर शानूप्रकाश चक्रधारी, धीरज नाम, रामनिवास नागर आदि उपस्थित थे, वन्दना व गीत अक्षिता सिरोलिया ने बोला।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद