उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर
शाहगंज, जौनपुर। जनपद के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग कानून समझ से परे है। बात हो रही है रामलीला, दशहरा, भरत मिलाप की जो जिले में कहीं स्थानीय प्रशासन धार्मिक आयोजन को अपनी क्षत्रछाया में सकुशल संपन्न करा रहा है तो कहीं धार्मिक परंपराओं पर स्थानीय प्रशासन ने ग्रहण लगा दिया है। जनपद की सबसे समृद्ध तहसील शाहगंज की ऐतिहासिक श्रीराम लीला 185 वर्ष पुरानी है। अपनी संस्कृति, परम्पराओं समेत जनश्रुतियों के सूत्र में बंधी रामलीला समिति हर समय अपनी ऐतिहासिकता को संजोये रखने में अव्वल रही है लेकिन कोरोना की कथित महामारी के नाम पर रामलीला को जहां ग्रहण लगा है। वहीं दशहरा, भारत मिलाप पर भी लगने वाली पाबंदी पर राम सेवकों ने निराशा छाई है। मड़ियाहूं में स्थानीय प्रशासन की निगरानी में हो रहा है। रामरथ का नगर भ्रमण सूत्रों की मानें तो विगत दिनों कोतवाली में आयोजित बैठक में रामलीला, दशहरा, भरत मिलाप को लेकर हुई लंबी चर्चा में सब कुछ ठीक-ठाक रहा। उपजिलाधिकारी राजेश वर्मा व पुलिस उपाधीक्षक अंकित कुमार ने त्योहार मनाने पर मुहर तो लगाई लेकिन प्रभारी निरीक्षक दुर्गेशवर मिश्रा ने आयोजन पर ग्रहण लगा दिया। प्रतिष्ठित रामलीला समिति के अध्यक्ष को अपनी सरकारी गाड़ी से लेकर सीओ व एसडीएम कार्यालय तक पहुंच गए। समिति के अध्यक्ष पर दबाव बनाकर नवरात्र में नौ दिन रामरथ के नगर भ्रमण, भजन कीर्तन समेत पक्का पोखरा पर दिन में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक रामलीला पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं दशहरा व भरत मिलाप पर भी स्थानीय पुलिस का दबाव लोगों को रास नहीं आ रहा है। जिले के एक तहसील मड़ियाहूं में स्थानीय प्रशासन अपने देख-रेख में रामरथ का सकुशल नगर भ्रमण करा रहा है और वहां रामलीला मंचन भी परम्परागत ढंग से हो रहा है लेकिन शाहगंज में स्थानीय प्रशासन द्वारा रामरथ के नगर भ्रमण, भजन कीर्तन सहित पक्का पोखरा पर दिन में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक रामलीला पर रोक लगा दी गई है जिससे धर्मप्रेमियों खासी नाराजगी देखी जा रही है
उत्तर प्रदेश सम्पादक अभिषेक शुक्ला
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