राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद देश मे लॉक डाउन से बिगड़ी अर्थव्यवस्था अब तक पटरी पर नही आयी है,कई स्थानों में कृषि उपज कम होने से परेशान है किसान इधर जर्जर हुयीं अर्थ व्यवस्था से निजात पानें ओर दुःखी किसानों का पेट भरने के लिए विधेयकों को पारित कर कृषि से किसानों के पेट भरनें ओर समृद्धि लानें का जतन कर रही राज्य सरकार।राजस्थान प्राध्यापक संघ रेसला के ब्लाक,जिला मीडिया प्रभारी एस.एल.धाकड़ नें देश की केंद्र सरकार से सभी राज्यों की राज्य सरकारों की कोरोना काल में बिगड़ी अर्थ व्यवस्था को फिर से पटरी पर लानें के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देंनें की जरूरत बताई।मीडिया प्रभारी ने भारत के राष्ट्रपति,प्रधान मंत्री और वित्तमंत्री को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कर कहा कि आजाद भारत में पहली बार राजस्थान में सरकार की माली हालत से निपटने के लिए माननीय अशोक गहलोत जी को कोरोना काल जैसी महामारी से नोकरों के जूझने ओर कार्य करने के बाद भी आर्थिक संसाधन जुटाने ओर राज्य में आये आकस्मिक संकट से निपटने हेतु राज्य सरकार को मजबूरन नोकरों की तनख्वा काटनी पड़ी।कुछ दिन बाद किस्सा कुर्सी का आंदोलन के आ जाने से राज्य के ही एमएलए में फुट डालो ओर राज्य करो कि नीति से निपटने के लिए मजबूरन राज सेवकों के कटे वेतन बाद विधायक बनें समाज सेवकों के सरकार द्वारा खुश करनें के उद्देश्य से यात्रा और किराया भत्तों में मजबूरन राज्य सरकार को बढ़ोतरी करनी पड़ी इसके लिए राज्य सरकार के सभी नोकर सभी लोकतंत्र के लिए वोट से बनें नोट लेनें वाले लोक सेवकों के सादर आभारी रहेगें।नागर नें बताया कि इस वक्त उन कर्मचारियों को छोड़ भी दे कि जिनके लिए तनख्वा जरूरी ना हो तो भी वो 70% कर्मचारियों के ऊपर कर्ज का बोझ है।किसी को मकान की क़िस्त तो किसी को बालकों की उच्च शिक्षा तो किसी को बालकों के शादी-विवाह की विवसता में लिया कर्ज चुकाने की समस्या अब वेतन बढ़ने की जगह उसमें कटौती हो तो कैसे ? स्वस्थ रह पायेगा राज्य का कार्मिक।भारत कृषि प्रधान देश है और जनसंख्या में दूसरा नम्बर आता है।विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र का मालिक भी भारत ही है यहां अनेकता में एकता के लिए सभी सम्प्रदायों में आने वाले तीज त्यौहार है।ऐसे समय देश में आगामी दीपावली का त्यौहार आ रहा है जिसे सभी धर्मावलंबियों द्वारा निरोगता के लिए स्वच्छता ओर साफ-सफाई के तौर पर भी मनाया जाता है कोरोना में दीपों की रोशनी का महत्व पहले ही रोग भगाने में जग जाहिर हो चुका है।त्योहारों पर पटाखा बाजार पर प्रतिबंध लगा कर एक तरह से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य में अच्छा कदम तो है इस समय लोगों के पैसे की भी बचत होगीं।नोकरों के त्योहारों पर राज्य सरकार का ग्रहण लग ही रहा है 8 महीने पहले मार्च का कटा 16 दिन का वेतन आज तक सरकार से नही मिला और आर्थिक संकट से त्यौहार पर बोनस तो खैर कोंन देगा ? जब नोकरों के नवम्बर के वेतन के लिए ही बजट नही है।प्राध्यापक संघ सहित सभी कर्मचारियों की तरफ से केंद्र सरकार से मांग है कि राजस्थान को माली हालत से उबारे ओर राजस्थान को केंद्र आर्थिक मदद दे तो नोकरों के घर जलेगें दीपक वरना इस बार मानसिकता बदल रही है सभी काली दिवाली मनाकर ईश्वर से प्रार्थना करेगें की वो राज्य को आर्थिक समृद्धि दे जिससें दिवालिया हुयीं राज्य की कोरोना अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकें।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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