उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। एक तरफ मजदूर मनरेगा के तहत किए गए कार्य का भुगतान न होने पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है वहीं दूसरी तरफ जिले में सचिव, प्रधान व जेई के द्वारा लाखों का घोटाला किया गया है। मामला कर्वी ब्लॉक के रगौली,दुवारी,रसिन,भगतपुर,भैसौंधा,अमिलिहा,शिवरामपुर और पहरा गांव का है जहां मनरेगा के तहत 50 लाख का घोटाला हुआ है।इस घोटाले में ग्राम प्रधान,सचिव, व जेई समलित है। मनरेगा आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्वी ब्लाक के 10 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत एक भी काम नहीं हुआ है और इसकी धनराशि बिना काम किए निकाल ली गई,और मौके पर जब 5 सदस्यीय जांच टीम ने काम देखा तो उनको कोई भी काम नही दिखा ऐसे में प्रथम दृष्टया सचिव ,प्रधान ,व जेई की घोर लापरवाही सामने आयी है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे ज्यादा 15 लाख का गबन जेई आरईडी यजुवेंद्र यादव द्वारा किया गया है इसके बाद 22 लाख का गबन ग्राम प्रधानों द्वारा व 15 लाख का गबन ग्राम पंचायत/ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि सभी लोगो को नोटिस जारी करते हुए 7 दिन के अंदर पैसा वापस करने के लिए पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सचिव मानसिंह ने 3 लाख, श्याम सिंह ने 3 लाख,रामनारायण पांडेय ने 5 लाख व शिवंम सिंह ने 4 लाख रुपये का गबन किया गया है और ग्राम प्रधान रगौली ने 3 लाख ,दुआरी ने 3 लाख,रसिन ने 2 लाख भगतपुर ने 2 लाख,भैसौंधा ने 90 हजार,अमिलिया ने 2 लाख शिवरामपुर ने 2 लाख,व ग्राम प्रधान पहरा ने 2 लाख का घोटाला किया है इन सब ने सरकारी पैसों का जमकर दुरुपयोग किया है। मनरेगा के तहत जो विकास कार्य होने चाहिए थे वो धरातल पर कही नज़र नही आये। उन्होंने यह भी कहा कि यदि 7 दिन के अंदर पैसा वापस नही करते है तो निलंबन की कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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