बारां से आये भरत बंसल नें सिखाया छबड़ा बालिका स्कूल में सहज योग।

राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद छबड़ा:राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छबड़ा में रविवार को बारां सहज योग केंद्र से आये सहज योगी भरत बंसल नें सिखाया श्री माता जी निर्मला देवी कृत सहज योग।सहज योगी व्याख्याता शंकर लाल नागर रामदयाल साहू के अनुसार रविवार को सहज योगी भरत बंसल ने ठीक 10 बजे छबड़ा पहुंच बालिका उच्च माध्यमिक में सहज योग का पाठ पढ़ाया ओर सहज योग में मौजूद 50 सहज योगियों को कोरोना गाइड लाइन अनुसार शरीर स्थित सप्त चक्रों को साफ करनें के सहज योग मुद्राओं,देव मंत्रों तथा श्री माता जी के मंत्रों की प्रार्थना से शरीर स्थित सप्त चक्र क्लीन करनें की विधि समझाई।सहज योगी बालिका पूनम साहू ने श्री माता जी के सम्मान में भजन किये प्रस्तुत।व्याख्याता नागर ने कहा कि सहज योग मनुष्य के जन्म के साथ ही शरीर में मौजूद रहता जिसे कोई नही जानता है इसे श्री माता जी ने आज से अभ्यास से सहज में ही सीखा जा सकता है।सहज योग अन्य चल रहे योग से हटकर है इसमें शरीर को कष्ट देंनें की जरूरत नही है इसे केवल श्री माता जी निर्मला देवी के फ़ोटो को प्रोटोकॉल काल की तरह सम्मान सहित स्थापित कर सन्मुख प्रार्थना कर रिलाइजेशन लिया जाता है।श्री माता जी के फोटो के सन्मुख दोनों हाथ फैलाकर प्रार्थना की जावें तो स्वतः ही हाथों में वाइब्रेशन का अनुभव होनें लगता है और निरन्तर अभ्यास से माता जी की कृपा से शरीर स्थित इड़ा पिंगला सुषम्ना नाड़ी संस्थान सहित शरीर स्थित सप्त चक्र मूलाधार स्वाधिष्ठान मणिपुर अनाहत विशुद्धि आज्ञा ओर सहस्त्राहार शुद्ध होकर समस्त अंग निरोगी हो जाते है।जिन साधकों के हाथों में ठण्डी,गर्म लहर या कुछ भी अनुभव नही होता वो नियमित नमक के पानी के प्रयोग से जलक्रिया करनें पर नाभि स्थल से पैरों के रास्ते नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने पर सहज योग से निरन्तर ध्यान करनें पर ऊर्ध्वाधर होकर स्वतः सहस्त्रार की ओर ऊर्जा का सकारात्मक संचार होनें लगता है जैसे ही ऊर्जा की गति निम्न से उच्च होगीं साधक के जीवन में शारीरिक,मानसिक,आर्थिक उन्नति के द्वार श्री माता जी की कृपा से खुलने लगेगें।सहज योगी बंसल ने अंत में बताया कि सहज योग में क्षमा की शक्ति का होना जरूरी है जब तक हमारे अंदर श्रद्धा-विश्वास,सत्यता,पवित्रता नही होगीं तब तक हमें श्री माता जी की कृपा प्राप्त नही हो सकती।सहजयोग की स्थापना श्रीमाताजी निर्मला देवी द्वारा की गई है। सहजयोग आज 120 देशों में चल रहा है। सहजयोग के माध्यम से परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है।धरती पर मानव उत्क्रांति में समय समय पर किये गये परमात्मा के कार्य में अनेक गुरु,सूफी,संत,पीर पैगम्बर और अवतारों ने धरती पर जन्म लिया और मानव जाति को सहजयोग का ज्ञान दिया अब तक इनके किये गये अधूरे आध्यात्मिक कार्यो को आगे बढ़ाते हुए इसको सार्वजनिक करने के लिए साक्षात् आदिशक्ति का अवतरण निर्मला श्रीवास्तव (श्री माताजी निर्मला देवी) रूप में हुआ जो आधुनिक युग में सहजयोग संस्थापिका है जिन्होंने दुर्लभ आत्म साक्षात्कार को सार्वजनिक और आसान बनाकर संसार में प्रदान किया जिसका आज विश्व के 170 देशों के सभी धर्मों के लोग लाभ ले रहे हैं।आधुनिक युग में श्री माताजी निर्मला देवी ही है जिसने संसार के सभी धर्मो को गहराई से समझाते हुए सबमे एक ही सत्यता को स्पष्ट किया है और सभी धर्मो को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है।सहज योग

समाप्ति पर सहज योगी रामदयाल साहू ने कहा कि हर रविवार को 10 बजे बालिका सीनियर में आप मास्क के साथ पदार्पण कर इस योग को निःशुल्क सीख सकते है।रविवार को बारां से पदारे सहज योगी भरत बंसल,राजेन्द्र अग्रवाल महेंद्र हाड़ा,महावीर पांचाल का व्याख्याता एस.एल नागर ओर रामदयाल साहू तथा अन्य उपस्थित छबड़ा के सहज योगियों ने आभार जताया।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद