(राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि) बारां छबड़ा 18 जनवरी सोमवार छबड़ा तहसीलदार ने वरिष्ठ भाजपा नेता पर प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ कर साढ़े 10 बीघा सरकारी भूमि को अपने खाते दर्ज करवा लेने का आरोप लगाया है तहसीलदार ने मुख्यमंत्री व राजस्व विभाग सहित उच्च अधिकारियों को पत्रावली प्रेषित कर जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।
तहसीलदार दिलीप सिंह प्रजापति ने रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि झगड़ा सालपुरा मार्ग पर खसरा नंबर 8182 एवं 83 की 10 बीघा 11 बिस्वा भूमि स्थित है उक्त भूमि टोंक रियासत कालीन समय से शेख मौला बख्श के नाम दर्ज है वहीं उक्त भूमि से भरण-पोषण करने वाले उपभोक्ता के रूप में उक्त खसरा नंबर में रसूल मोहम्मद पुत्र अब्दुल कलाम दर्ज है नियम अनुसार संबंध 2013 से 2016 के समय उक्त खाता संख्या दर्ज गोले के अनुसार इसे सरकारी खाते में दर्ज किया जाना था वही माफी परमिशन के तहत दिनांक 23 अगस्त 1954 से उक्त भूमि सरकारी संपत्ति हो चुकी है छबड़ा निवासी हिम्मत सिंह सिंघवी व रसूल मोहम्मद में आपसी सांठगांठ कर ली और इस सरकारी जमीन को हथियाने के लिए हिम्मत सिंह सिंघवी ने वर्ष 1995 में सीजेएम न्यायालय में रसूल मोहम्मद के खिलाफ संधि के तहत वाद प्रस्तुत कर दिया और आपसी सहमति कर राजीनामा पेश कर फैसला 10 फरवरी 2002 को न्यायालय ने हिम्मत सिंह सिंघवी के पक्ष में फैसला सुना दिया और न्याय लेख के माध्यम से दिनांक 14 मार्च 2007 से पंजीयन करवा कर भूमि अपने नाम करवा ली शेख मौला बख्श के साथ हिम्मत सिंह सिंघवी के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया दया उपरोक्त भूमि सरकारी होने के बावजूद ना तो राजस्थान सरकार और ना ही चेक मौला बख्श को न्यायालय में पक्षकार बनाया गया। तत्कालीन तहसीलदार ने शेख मौला बख्श का नाम होने के चलते उक्त भूमि का आधा हिस्सा हिम्मत सिंह सिंघवी के नाम दर्ज किया था परंतु न्यायालय की डिग्री अनुसार पूर्व रखने का पंजीयन हिम्मत सिंह सिंघवी के नाम दर्ज करवा दिया गया था हिम्मत सिंह सिंघवी ने शेख मौला बख्श के नाम पर दर्ज शेष आधा हिस्सा अपने नाम कराने के लिए वर्ष 2015 में उपखंड न्यायालय में वाद दायर किया वहां एक मौला बख्श को प्रतिवादी बनाया गया परंतु केक मौला बख्श को बार बार तलब करने पर किसी के नहीं आने पर वर्ष 2017 में एक पक्षी निर्णय अपने पक्ष में करवा लिया और शेष भूमि अपने खाते में दर्ज करा ली तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों को पत्रावली प्रस्तुत कर जांच कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग है।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद छबड़ा
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