आज हुआ आंजनेय दो माह का नहीं हुआ 15.5 करोड़ रूपए का उपाय* *स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रोसी बिमारी से ग्रसित है आंजनेय* *जिंदगी की जंग लड़ रहा आंजनेय को गंभीर रोग इलाज के लिए चाहिए 15.5 करोड़*

राष्ट्रीय (दैनिक कर्म भूमि)सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद उपखंड एवं तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत पछाड़ के गांव हरनावदा जागीर में एक दो महीने के बच्चे को गंभीरबी

मारी होने से परिवार बड़े सदमे में हैं।जिंदगी की जंग लड़ रहा मासूम:नवजात आंजनेय को गंभीर रोग, इलाज के लिए चाहिए 15.5 करोड़ एसएमए-1 (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोसी) बीमारी से पीड़ित है आंजनेय, पिता ने मांगी मदद छीपाबड़ोद के हरनावदा जागीर निवासी पौने दो महीने का आंजनेय एसएमए-1 (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोसी) बीमारी से पीड़ित है। अमेरिका में ही इस बीमारी का उपचार संभव है, जिसके लिए 15.5 करोड़ रुपए का खर्च बताया जा रहा है। ऐसे में पीड़ित के पिता ने बेटे का जीवन बचाने के लिए आमजन, सरकार और उद्योगपतियों से आर्थिक सहायता की गुहार की है।हरनावदाजागीर निवासी लाखनसिंह गुर्जर ने बताया कि वह पछाड़ स्कूल में व्याख्याता है। उनकी पत्नी ने 18 नवंबर को बेटे आंजनेय काे जन्म दिया है। नवजात तेज आवाज में रो नहीं सकता, पेट भर दूध भी नहीं पी सकता। यहां तक कि उसके रोने की आवाज मां के अलावा कोई नहीं सुन सकता। इस पर कोटा में शिशु रोग विशेषज्ञ से परामर्श प्राप्त किया। उन्होंने प्रारंभिक जांच के बाद उसे दिल्ली एम्स में दिखाने की सलाह दी। एम्स में 29 जनवरी की तारीख मिलने पर उन्हाेंने प्राइवेट अस्पताल में जांच कराई ताे नवजात को एसएमए-1 (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोसी) नाम की बीमारी हाेने की पुष्टि की गई। साथ ही डाॅक्टराें ने बताया कि समय पर उपचार नहीं मिला, तो नवजात कमजोर होता जाएगा और उसे सांस में तकलीफ शुरू हो जाएगी।बालक के परिवार को चिंता इसलिए है पहले भी दो नवजात बेटों की मौत हो चुकी है आंजनेय के पिता लाखन सिंह गुर्जर ने बताया कि इस गंभीर बीमारी से पहले भी उनके दोनों बेटों की चार चार महीने में की आयु में मौत हो चुकी है जब उन्हें जानकारी मिली की अब इस गंभीर बीमारी का उपचार अमेरिका ने खोज लिया है लेकिन उपचार पर करीब 15.5 करोड़ पर खर्च होंगे उन्होंने इतनी बड़ी रकम जुटाने को लेकर आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने से उन्होंने आमजन सरकार और उद्योगपतियों तक से मदद की गुहार की है ताकि उनके बच्चे का इलाज हो सके

 

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद