उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के निर्देश के बाद राज्य सरकारों ने अब बंजर जमीनों (Barren lands) को लीज पर देने का फैसला किया है. आम आदमी अब इन सरकारी जमीनों को बेहद सस्ते दामों में लेकर खेती कर सकेगा. देश में कृषि कानून के बाद अब हॉर्टिकल्चर पॉलिसी (Horticulture policy) में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
इन सरकारी जमीनों पर आम आदमी औषधि या फल उगाने का ही काम करेंगे. गुजरात पहला राज्य है, जिसने इस कानून को लागू कर दिया है. इस कानून के मुताबिक, पहले 5 साल तक कोई फीस नही ली जाएगी. जमीन को गैर-किसान भी लीज पर ले सकेंगे. जमीन को लीज पर देने का निर्णय एक हाईपावर कमेटी और कलेक्टर मिलकर करेंगे. यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल और असम की सरकारें भी इस कानून को लागू करेंगी.
*आप ऐसे कर सकते हैं खेती,*
केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में विकास को लेकर काफी गंभीर हो गई है. मोदी सरकार के निर्देश पर कई राज्य सरकारों ने बंजर और गैरउपजाऊ भूमि को अब लीज पर देने का काम शुरू कर दिया है. गुजरात देश में ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने अपने बंजर और गैरउपजाऊ जमीन को आम लोगों के खोल दिया है. इस मिशन को कृषि और बागवानी के विकास में तेजी और हर्बल पौधों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है.
*गुजरात देश का पहला राज्य बना,*
गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने मंगलवार को कहा कि इससे किसानों की आय दोगुनी होगी और रोजगार पैदा होगा. बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों और गैर-किसानों को 30 सालों के लिए पट्टे पर एक अवधि के लिए अयोग्य और परती भूमि आवंटित की जाएगी. फिलहाल गुजरात सरकार पहले चरण में 20 लाख हेक्टेयर भूमि की पहचान की है, जो लीज पर दी जाएगी.
इस तरह के लोग ले सकेंगे जमीन लीज पर
गौरतलब है कि देश में इस समय ऐसे जमीनों की सर्वेक्षण का काम भी चल रहा है. हाल ही में मोदी सरकार ने इसको लेकर एक बैठक की थी. इस बैठक में राज्य सरकारों को ऐसी जमीन की पहचान कर एक पोर्टल पर डालने के निर्देश दिया गया था. कोई भी शख्स, समूह, कंपनी या संगठन जमीन के लिए आवेदन कर सकता है. हालांकि, भूमि के आवंटन पर अंतिम निर्णय एक उच्च शक्ति समिति द्वारा लिया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्यमंत्री करेंगे.
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान के साथ-साथ गैर-किसान भी आवेदन कर सकते हैं. भूमि लेने के लिए एक मामूली लीज रेट और एक सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा. बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल और असम की सरकारें भी इस मिशन की शुरुआत अपने राज्य में करने जा रही है. इसके साथ ही रेलवे ने भी इस पर अमल करना शुरू कर दिया है. रेलवे के पास इस समय लाखों हेक्टेयर परती जमीन है, जिस पर सालों से खेती नहीं हुई है.
रिपोर्टर संपादक अभिषेक शुक्ला
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