ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था धड़ाम उच्च अधिकारियों के सह पर नदारद रहते हैं अध्यापक

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट जिले के वनांचल क्षेत्र में फिर एक बार शिक्षा एक सपना बनती नजर आ रही है ऐसा ही मामला एक कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायत खमरिया बंगलन का प्रकाश में आया है जहां विद्यालय तो है पर अध्यापक नहीं कोरोना काल में वैसे भी बच्चों को इस सत्र के दौरान स्कूल से दूर रखा गया। लेकिन खमरिया बंगलन में लगातार अध्यापकों की गैर मौजूदगी के कारण पढ़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित नजर होते जा रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों में पैसे के अभाव के कारण लोग शहरी क्षेत्र में अपने बच्चों को नहीं पढ़ा लिखा सकते। लेकिन सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्कूल के साथ जूनियर स्कूल खोले गए ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षित हो सके। लेकिन अब शिक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में सपना बनती नजर आ रहा है वहीं यदि हम जिले के शिक्षा अधिकारी की बात करें तो शिक्षा अधिकारी द्वारा भी ऐसे अध्यापकों पर कार्यवाही की जगह बात को गोल-गोल घुमाया जा रहा है जिससे स्पष्ट होता है कि जिले में बैठे जिम्मेदार शिक्षा अधिकारी को भी वनांचल क्षेत्रों में खुले विद्यालय में शिक्षा की ओर कोई रुझान नहीं है इसी वजह से आज अध्यापक अधिकांश विद्यालयों में नदारद नजर आते हैं जबकि चित्रकूट जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय के द्वारा लगातार पढ़े चित्रकूट बढे चित्रकूट के साथ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही लेकिन जिलाधिकारी के सपनों को भी जिले के शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी फेल करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।वहीं प्राथमिक विद्यालय बंगलन की बात करे तो अध्यापक व शिक्षक रजिस्टर में हाजरी भरकर विद्यालय गायब हो जाते है।

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*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट