उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ,08 फरवरी 2021 उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से सोमवार को गोमती नगर स्थित उर्दू अकेडमी में सिविल सेवा निशुल्क प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिति भाषा विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर डॉ. डीके ठाकुर, संस्थान के निदेशक पवन कुमार, रार्ष्ट्रीय विधि विश्यविद्यालय के प्रो. एपी सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाषा विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने मोबाइल एप की लांचिंग की। इस ऐप के जरिये संस्थान में पंजीकृत सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को सभी मैटीरियल के साथ लाइव क्लास की सुविधा भी मिलेगी। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों से दीप प्रज्जलन के साथ हुई। छात्रओं ने संस्कृत में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्रा ने कहा कि आज बंगाल में संस्कृत का नाम नहीं मिलेगा, जबकि संस्कृत में बड़े बड़े दिग्गज व्यक्ति बंगाल के हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी ने आकर सबसे पहले वहां से संस्कृत शिक्षा को नष्ट किया। विलियम जॉन्स का नाम भी सभी जानते हैं। भारत के न्यायाधीश थे। उन्होंने संस्कृत में बहुत से निर्णय दिए हैं। वह बंगाल में संस्कृत के दिग्गज थे। आश्चर्य है कि बंगाल में विलियम जॉन्स जैसा व्यक्ति जहां रहा हो, आज वहां संस्कृत की दुर्दशा है। राजस्थान में संस्कृत महाविद्यालय सरकार की ओर से संचालित हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी ने जहां राज किया, वहां संस्कृत के पठन पाठन की व्यवस्था को खत्म किया। एक समय ऐसा था जब संस्कृत में शासन चलता था। यदि राज्य अधिकारी बनना है तो संस्कृत पढ़नी भी अनिवार्य थी। अब विकल्प के रूप में इसको ले रहे हैं। अंग्रेजी को प्राथमिकता दी जाती है। मेरा मानना है कि अब यदि राज्य अधिकारी बनना है तो संस्कृत पढ़नी जरूरी है। संस्कृत के प्रति सहानुभूति का भाव रखें। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान बनाने के समय जब बात उठी थी कि इसकी भाषा क्या होनी चाहिए तो डॉ अंबडेकर ने भी कहा था कि संस्कृत। संस्कृत भारत की राजभाषा होनी चाहिए। मुख्य अतिथि भाषा विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने मोबाइल एप की लांचिंग की। इस ऐप के जरिये संस्थान में पंजीकृत सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को सभी मैटीरियल के साथ लाइव क्लास की सुविधा भी मिलेगी।
रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली
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