राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के निजी संस्थानों व महाविद्यालयों में संचालित बीएड पाठ्यक्रमों सहित सभी स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की जांच करवाने का निर्णय लिया है। इस बावत विशेष सचिव उच्च शिक्षा लखनऊ अब्दुल समद के द्वारा 22.02.2021 को पत्र जारी कर जिलाधिकारी कुलसचिव व क्षेत्रीय उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में जांच गठित कर दी है। जिसमें सम्बन्धित विश्वविद्यालय के कुलसचिव, सम्बन्धित परिक्षेत्र के जिलाधिकारी द्वारा नामित उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के द्वारा पांच विन्दुओ पर जांच कर 10 मार्च तक उत्तर प्रदेश शासन/समाज कल्याण विभाग को रिपोर्ट सौंपनी है।
निजी संस्थानों व महाविद्यालयों मान्यता, स्ववित्तपोषित बीएड पाठ्यक्रमों सहित समस्त पाठ्यक्रमों की मान्यता सम्बद्धता, पाठ्यक्रमों में स्वीकृत सीट, निर्धारित शुल्क, अध्यापन कार्य करने वाले स्ववित्तपोषित शिक्षकों की मानक के अनुसार न्यूनतम योग्यता, सत्यापन के समय शैक्षिक अहर्ता, कक्षा सुविधा अवस्थापना सुविधा, संस्थान संचालित भूमि का सत्यापन, एक संस्थान व भवन में अनियमित रुप से एफिलिएटिंग संस्थानों की जांच की जानी है।
शिक्षक प्राचार्य विहीनत, शिक्षक अनुमोदन फर्जीवाड़ा, अनुमोदन घोटाले भ्रष्टाचार अनियमितता व मानक विहीन निजी संस्थान व महाविद्यालय संचालकों में विशेष सचिव के पत्र से हड़कंप मच गया है। अब देखना यह है कि नियम कानून व पारदर्शिता की दुहाई देने वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार इस जांच को अपने परिणाम तक पहुंचा पाती है या फिर निजी संस्थानों व महाविद्यालय संचालकों के सामने घुटना टेक कर दम तोड़ देती है।
रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर
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