उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ,06 मार्च 2021 अजीत सिहं हत्याकांड के आरोपित गिरधारी एनकाउंटर मामले में शनिवार दोपहर राजधानी पुलिस ने घटना का नाट्य रूपांतरण किया। इस दौरान फॉरेंसिक टीम मौजूद रही। घटना के री-क्रिएशन की वीडियोग्राफी भी की गई। रि-क्रिएशन के दौरान दिखाया गया कि विभूतिखंड पुलिस गिरधारी को लेकर असलहा बरामदगी के लिए जा रही थी। इसी दौरान उसने पास में बैठे दारोगा की सर्विस पिस्टल छीन ली थी और उन्हें धक्का देकर गाड़ी से नीचे गिरा दिया था। इसके बाद आरोपित ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी थी। अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपित झाड़ियों में भागने लगा था। पुलिस टीम ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह लगातार फायरिंग कर रहा था। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से गिरधारी घायल हो गया था, जिसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। गौरतलब है कि 15 फरवरी को तड़के पुलिस मुठभेड़ में गिरधारी की मौत हो गई थी। मुठभेड़ के बाद कई सवाल उठ रहे थे। गिरधारी के परिवार जन ने न्यायालय में अर्जी देकर मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इस पर न्यायालय ने हजरतगंज कोतवाली में इंस्पेक्टर विभूति खंड और डीसीपी पूर्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि पुलिस ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी। कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। वाराणसी के चोलापुर थाने के लखनपुर का मूल निवासी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डॉक्टर वर्ष 2001 से अपराध जगत में सक्रिय है। मऊ के ब्घ्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि व आजमगढ़ के पूर्व विधायक सीपू सिंह मर्डर केस के गवाह अजीत सिंह के हत्या मामले में इनामी शूटर गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने गिरधारी को 13 फरवरी की सुबह 11 बजे तीन दिन की रिमांड पर लिया था। 15 फरवरी तड़के तीन बजे पुलिस अभिरक्षा से पिस्टल छीन कर फरार होने की कोशिश की और मारा गया था।
रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली
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