27% के स्थान पर 52%मिले ओबीसी को आरक्षण में स्थान।

राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारा छिपाबड़ोद अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग केंद्र,अमीरपुर खेड़ी की ऑनलाइन मीटिंग में एस. एल.धाकड़ की अध्यक्षता में ओबीसी वर्ग के संवैधानिक अधिकार विषय पर चिंतन-मनन किया गया।ऑनलाइन फोन कॉल से जुड़े शिवनारायण धाकड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि संविधान में ओबीसी को अधिकार जरूर मिले लेकिन अधिकार के लिए ओबीसी वर्ग अभी तक भी नही जागा तो उनके लिए आज तक भी किसी भी सरकार ने ओबीसी वर्ग के कल्याण के लिए कुछ भी नही किया गया।धाकड़ ने कहा कि ओबीसी वर्ग के युवा पढ़-लिखकर रोजगार की तलाश में डिग्री,डिप्लोमा ले आज सड़को पर घूम रहे है धाकड़ ने युवाओं से अपील की गयीं है की आप बहुसंख्यक है आप छोटे-मोटे पद लेकर किसी भी पार्टी,पोर्टिक्स के गुलाम नही बनें संविधान पढ़े ओर लोगों को पढावे ओर स्वयं अपने अधिकार और कर्तव्यों की पहचान करें लोकतंत्र में अधिकार घर बैठे नही मिलते अपने हक के लिए संवैधानिक रूप से आवाज़ उठाओ ओर ओर अपने हक पाओ नीति कहती है जहां सच ना चले वहां झूंठ सही और हक ना मिले वहां लूट सही मेरे कहने का मतलब हक की लड़ाई से है लोक और तंत्र शब्द से निर्मित है लोकतंत्र।धाकड़ ने ओबीसी वर्ग में शामिल धाकड वर्ग से भी कहा कि आप स्वयं धाकड़ बनें और अन्य ओबीसी वर्ग में शामिल लोगों को भी धाकड़ बनाओ।आपके बालकों को आप जमीन,जायदाद बेच कर पढ़ाई तो करा दोगे परन्तु उन्हें

*सिर्फ डिग्री,डिप्लोमा दिला देनें से आप उन्हें नोकर या स्वयं के मालिक नही बना सकेंगे। आगे बढ़ना है ओर बढ़ाना है तो संवैधानिक रूप से लोकतंत्र में अपनी मांगों को लागू करवाने के लिए सरकारों से संघर्ष करें।* समापन पर एस.एल.धाकड़ ने कहा कि सोचों ओर लोगों को जागरूक करो कि ओबीसी देश की 2011 की जनगणना में 53% से भी अधिक आबादी रखती है और हमें तत्कालीन सरकार के मण्डल कमीशन में 27%आरक्षण मिला जरूर था लेकिन सोचों आपको इतने वर्षों बाद 27%फायदा कितनों को नोकरी में हुआ है किसी ने अपना गणित आज तक नही लगाया।धाकड़ ने कहा राजस्थान में बारां जिला तो ऐसा है कि 27% प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में से भी कटौती कर ओबीसी आरक्षण दूसरे वर्ग को दे रखा है जिसको वापस लेने के लिए किसी भी ओबीसी मंच ने आज तक आवाज तक नही उठाई।हमारे लिए ओबीसी शब्द आज ओबीसी के कल्याण और फ़ायदे के लिए नही दलों के दलदल में फंसाने ओर वोट के लिए इस्तेमाल किया गया है हमारी सत्यमेव जयते की आवाज़ तक कोई सुनने को तैयार नही है।धाकड़ ने कहा राजनीति के पद हो या सरकारी नोकरी आगे बढ़ना है तो अलग-अलग जाति मंचो का गठन बंद करो और सभी ओबीसी जन ओबीसी एकता मंच पर आओ।लोगों को पुनः संगठन के लिए जगाओ ओर अपने अधिकार हासिल करो।ध्यान रखो ओबीसी मंच पर सिर्फ ओबीसी नेता वर्ग को स्थान दो जागे ओबीसी ओर अन्य ओबीसी लोगों को जगाय ओर नोकरी में आरक्षण के साथ राजनीतिक रूप से भी चुनाव में पंच से लेकर सरपंच,विधायक से सांसद ओर मंत्री से मुख्यमंत्री तक ओर प्रधानमंत्री से राष्ट्रपति बनने तक 52% प्रतिशत आरक्षण प्राप्त करनें के लिए अपनी मांग राज के मंचो से उठावें ओर केंद्र तक पहुंचने तक आवाज़ उठावे। ओबीसी वर्ग अब भी नही चेता तो बहुसंख्यक वर्ग होते हुये भी ओबीसी सदस्य देश में कभी बड़े पदों पर नही आ सकेगा।धाकड़ ने कहा कि आज हमारा नारा *एकता और संघर्ष* के लिए होगा तो हमारी पीढ़ियां आगे बढ़ेगी अन्यथा हमें ना नोकरी मिलेगी और ना हम कभी राजनीतिक रूप से गठित मंचो के बड़े पदों पर भी कभी नही आ पायेंगे। युवा छोटे-छोटे पदों को लेकर दलगत राजनीतिक मंचो के गुलाम नही बनें आगे की पीढ़ी का उद्धार करना है तो खुद के मंच ओबीसी मंच पर आओ ओर अपनी लोकतांत्रिक ताकत को पहचानों ओर लोकतान्त्रिक तरीके से संघर्ष कर आगे बढे ओर बढ़ावे।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारा छिपाबड़ोद