उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर – सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ने बताया कि मोटरयान अधिनियम की धारा 39 में दी गयी व्यवस्था अनुसार निजी वाहनों के मामले में वाहन के पंजीयन की वैधता पंजीयन के दिनांक से 15 वर्ष निर्धारित की गयी है। तत्पश्चात वाहन का पुनः पंजीयन कराया जाना अनिवार्य है।
पुनः पंजीयन के अभाव में वाहन अपंजीकृत माना जायेगा एवं वाहन का किसी भी रूप में सड़क पर संचालन अवैध एवं अनाधिकृत माना जायेगा। कार्यालय के अभिलेखीय परीक्षण में यह पाया गया कि जनपद में 50595 मोटरसाइकिल एवं 7199 चार पहिया वाहन ऐसे है जिनके पंजीयन की वैधता समाप्त है परन्तु वाहन स्वामियों द्वारा पुनः पंजीयन नहीं कराया गया है।
ऐसे समस्त वाहन स्वामियों को प्रेस के माध्यम से सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कराते हुए निर्देशित है कि 15 दिवस के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर अपने वाहन का पुनः पंजीयन करा ले। यदि वाहन संचालन योग्य नहीं है तो वाहन स्वामी वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए कार्यालय में आवेदन देकर अपने वाहन का पंजीयन निरस्त करा लें।
निर्धारित तिथि के पश्चात वाहन का पुनः पंजीयन न कराये जाने की स्थिति में वाहन का पंजीयन निलम्बित करते हुए कठोर दण्डात्मक कार्यवाही प्रचलन में लायी जायेगी उक्त के अतिरिक्त ऐसे वाहनों के विरूद्ध सघन प्रवर्तन चेकिंग अभियान चलाते हुए वाहन संचालित पाये जाने पर वाहन निरूद्ध करते हुए वाहन स्वामी के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।
रिपोर्ट वाराणसी मंडल ब्यूरो चीफ मनीष कुमार श्रीवास्तव
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