छोटी उम्र में बना पर्यावरण का सिपाही

राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अम्बेडकर नगर

ग्रीन अर्थ -जया के संचालक अम्बेडकर नगर के छोटे से गांव ककराही टाण्डा के रहने वाले संदीप श्रीवास्तव जमीन पर पेड़ लगाने का बीड़ा उठाया आंखों में स्वस्थ पर्यावरण बनाने का बड़ा सपना है..संदीप श्रीवास्तव के माता पिता का सिर पर साया न होने से भी कहते हैं,संदीप के पेड़ लगाने के काम से गांव के लोग भी प्रभावित होते हैं और जंगल की अहमियत समझते हैं, गांव वाले भी वृक्षारोपण के इस काम की सराहना करते हैं और वे भी क्षेत्र को हरा-भरा बनाने में सहयोग देते हैं. संदीप श्रीवास्तव के द्वारा पर्यावरण -संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस पर्यावरण बचाव में इनके द्वारा बहुत बड़ा योगदान दे रहे है 21 वर्षीय संदीप श्रीवास्तव जोकि बच्चों को ट्यूशन देकर हुए इनकम से उससे पेड़ खरीद कर गांव में जाकर घर- घर पेड़ लगाते है ,जिसमे ग्राम ककराही में इन्होंने 600 पेड़ लगाकर हमारे वातावरण में हो रही ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में लगे हुये है,जिससे ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पूर्ण हो,उनका कहना है पेड़ लगाकर ये ऑक्सीजन के द्वारा ये मानव जीव को बचाते है एक पेड़ हर दिन लगभग 23 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है,एक पेड़ चार से छह लोगों को ऑक्सीजन दे सकता है लेकिन पेड़ों की कमी होने की वजह से एक पेड़ को 20 से 23 लोगो को ऑक्सीजन देना पड़ रहा है एक पेड़ अपने पूरे जीवन काल मे आठ से ग्यारह टन ऑक्सीजन देता है 12.6 टन कार्बन डाइऑक्साइड लेता है ,पत्तो और डाल पर हवा में मौजूद प्रदूषक गैसों को अवशोषित कर लेता है और हमारे जीवन को बचाता है यह बहूत ही चिंता का विषय है कि पेड़ की कमी हो रही है भारत मे प्रदूषण से हुई मौते 2015 में भारत 138 देशो की सूची में पाचवें स्थान पर रहा है। संदीप कहते हैं “मैं जो कर रहा हूं वह किसी लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. मुझे बहुत गर्व होता है जब मेरे बारे में लोग जानते हैं और मेरी ही तरह पेड़ लगाने के लिए प्रेरित होते हैं, स्कूल के दोस्त भी मेरी सहायता करते हैं. छुट्टी के दिन हम सब मिलकर हरियाली बढ़ाने के लिए समय देते हैं.”
संदीप कहते हैं कि अभी तो उन्होंने कुछ 600 ही पेड़ ग्राम ककराही में लगाए है लेकिन इसकी संख्या कहीं अधिक बढ़ाकर लाखों में करना है.

रिपोर्ट-अरविंद कुमार राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि टाण्डा अम्बेडकर नगर।