उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर बदायूं थाना कोतवाली के अंतर्गत जोगीपुरा मैं हेतराम पुत्र काशीराम की चल अचल संपत्ति जोगीपुरा में काफी साल पहले टेकचंद कामा पारी लाल को आदि जगह अनाज मंडी होने के कारण गाय के लिए दे रखी थी वह इसलिए के आवारा पशु यहां पर बंद हो जाए करें ताकि उनको बीमारी ब भोजन ठीक प्रकार से मिल सके उनके मरने के बाद घासीराम पुत्र हेतराम के पोते पहला दी लाल पुत्र घासीराम के नाम वह जमीन आनी थी लेकिन बदायूं के एसडीएम तथा तहसीलदार बाल लेखपाल की सांठगांठ से वह जमीन बदायूं के भू माफिया सुभाष आहूजा ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है और गौशाला बंद करके उसमें दुकानें बनवा कर अपना जीवन बड़े धूमधाम के साथ मना रहा है जिसकी सूचना मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई बार दी जा चुकी है और वहां से आदेश भी हो चुका है कि इस संपत्ति को इनके पर पोते के नाम कर दी जाए लेकिन यहां का भूमाफिया और प्रशासन सुभाष आहूजा के दबाव में बस संपत्ति जिसके नाम आनी चाहिए उसके नाम नहीं कर रहा है जबकि पहला दी लाल के पुत्र सुशील कुमार गुप्ता के पास उसकी नांदेड खतौनी अन कागज भी मौजूद है जिस को दिखाने हेतु एडीएम सिटी बाय जी हमको भी दिखा नहीं गए लेकिन उन्होंने यह कह दिया कि यह मामला कोर्ट का है हम इसमें कुछ नहीं कर सकते जब के सुभाष आहूजा के पास कोई भी कागज ना ही कोई लिखा पढ़ी है केवल दबंगई हो गुंडई पर उस जमीन पर कब्जा कर रखा है जिसका इसने कई सालों से नगर निगम में वाटर टैक्स वाह आउटेक्स भी जमा नहीं करा है और जो दुकानें बनवाई हैं वह भी बिना नक्शे के बनी है चीन का नक्शा आज भी नहीं है यदि पुराना नक्शा निकलवाया जाए तो उसमें केवल दिवाल ही दिखाई देगी वहां पर दुकानें नहीं थी और ना है यह दुकान बिना नक्शे के सन 1985 में नगर पालिका बदायूं के सौजन्य से बनाई गई हैं जो नगर निगम निगम के नगर अध्यक्ष थे और चुनाव जीते थे क्या मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाने से बदायूं का पुलिस प्रशासन बस शासन इस जगह को प्रहलाद लाल के नाम चलाकर सुशील कुमार गुप्ता के नाम खतौनी देंगे और उनको इस जगह पर कब्ज़ा दिलाएंगे और यह भी देखना है के बीजेपी जो अपने इमानदारी का खेल दिखा रही है बाहर खेल सही है या केवल कागजों में ही दिखाया जा रहा है
रिपोर्ट अभिषेक शुक्ला जौनपुर
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