राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद कोरोनावायरस जैसी भयंकर वैश्विक बिमारी महामारी से मरने वालों के अनाथ हुए बच्चों की ओर देखते हुए
क्षेत्रीय विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने जानकारी देते हुए बताया गया है कि कोरोना के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को केन्द्र सरकार की तरह राज्य सरकार से सहायता दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी से प्रभावित अनाथ व बेसहारा बच्चों को बालिग होने पर 10.00 लाख रुपये, मृतक के आश्रितों को पेंशन, बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दिए जाने का ऐलान किया है। साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत उन्हें 18 साल की उम्र तक 5.00 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिए जाने की घोषणा की है। केन्द्र सरकार की तरह राज्य सरकार को भी कोरोना बीमारी से प्रभावित लोगों को कोई ठोस योजना बनाकर अधिक से अधिक आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। कोरोना से मृत्यु होने पर आश्रित को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और मृतक के परिजन को एक मुश्त तुरंत आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, जिससे परिवार का जीवनयापन हो सकें।
विधायक सिंघवी ने कहा कि कोरोना महामारी ने देशभर में लाखों लोगों को काल का ग्रास बनाया है और इस बीमारी से करोड़ों लोगों की आजिविका छिन गई। महामारी से प्रभावित लोगों और उनके परिजनों को राहत उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। यह चिंताजनक बात है कि विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की भी चेतावनी दी है जो दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेशवासियों बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार को चिकित्सा तंत्र मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए और बच्चों को बचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कोरोना ने मासूम बच्चों को गहरे जख्म दिए है। जिन बच्चों के माता—पिता की मृत्यु हो गई वे बड़ी संख्या में अनाथ हो गए है।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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