सर्वोच्च न्यायालय की सुस्पष्ट टिप्पणियों के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांबड़ यात्रा रद्द न किया जाना आश्चर्यजनक: भाकपा

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव मंडल की बैठक का.चंद्रपाल पाल की अध्यक्षता में हुई।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांबड़ यात्रा निकलवाने पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव का. अमित यादव एड ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का असर इतना व्यापक था कि उसकी चपेट में गांव और शहर के वे गरीब और निम्न मध्यवर्गीय परिवार भी बड़े पैमाने पर आये थे जिनके युवा/ युवतियां अधिकतर कांवड यात्रा पर जाते रहे हैं।
उनमें से अनेक परिवारों ने अपनों को खोया है। असंख्य परिवार ऐसे हैं जिनमें पूरे के पूरे परिवार कोरोना की चपेट में आये और इलाज व अव्यवस्थाओं से आर्थिक रूप से टूट कर रह गये हैं। रही सही कसर लाक डाउन से फैली बेरोजगारी और सरकार प्रायोजित महंगाई ने पूरी कर दी है।
ऐसे में उन्हें रोजगार और आर्थिक सहयोग प्रदान करने के बजाय योगी सरकार उन्हें कांबड़ यात्रा का लालीपाप दिखा रही है।
भाकपा नेता का.चंद्रपाल पाल ने कहा कि लोग गमजदा हैं, कोरोना की भयावहता से वाकिफ़ हैं तथा वे अपने बचाव के प्रति सजग भी हुये हैं, अतएव कहीं से किसी ने भी कांबड़ यात्रा शुरू करने की मांग नहीं की। लेकिन ये भाजपा की राज्य सरकार है जो कांबड़ यात्रा के लिये लोगों को उकसा रही है। अभी हम सबने कुम्भ मेले से कोरोना के प्रसार और उसकी तवाही का मंजर खुली आँखों से देखा है। हम यह भी जानते हैं कि भाजपा की इन्हीं सरकारों ने पहली लहर के दौराना दिल्ली में हुये तबलीगी जमात के सम्मेलन पर खूब बावेला मचाया था और तमाम तबलीगियों के जेल के सींखचों के पीछे पहुंचा दिया था। उनमें से कई आज भी जेलों में बंद हैं। यह महामारी पर दोगली राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है।
भाकपा जिला सचिव ने आरोप लगाया कि योगी सरकार वोट की राजनीति के लिये लोगों के जीवन से खिलबाड़ करने पर आमादा है। उत्तराखंड सरकार द्वारा यात्रा रद्द करने और प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय द्वारा नागरिकों की सुरक्षा के प्रति आगाह करने के बावजूद उसने अभी तक कांबड़ यात्रा रद्द करने का फैसला नहीं लिया है। इसका अर्थ है कि योगी सरकार को लोगों की जान- जीवन की कोई परवाह नहीं है और अपने निहित राजनैतिक स्वार्थों के लिये वह लोगों की आस्था का दोहन करना चाहती है।
भाकपा ने इस बात पर गहरा संतोष जताया कि देश की सर्वोच्च अदालत ने मामले को गंभीरता से लिया है और राज्य/ केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। आश्चर्यजनक है कि सर्वोच्च न्यायालय की खरी खरी टिप्पणियों के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी अपने फैसले को रद्द नहीं किया है। इसे राज्य सरकार की ढीढता ही कहा जायेगा।
भाकपा ने आशा जताई कि निश्चय ही सर्वोच्च न्यायालय लोगों के जनजीवन की रक्षा के लिये समय रहते उचित निर्णय लेकर मगरूर सरकार को निर्देशित करेगा।

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट