राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) छीपाबड़ौद तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत ढौलम मुख्यालय पर सरकारी स्कूल के पीछे बाड़े में बने मकान में अज्ञात लोगों द्वारा लगाई गई आग हुआ लाखों का नुक़सान।आग की भेंट चढ़ा 14 बीघा का लहसुन 400 के लगभग कास्ता पाईप चार ट्रासंफार्मर दो 16 होसपावर ओर दो 25 होसपावर चार प्लास्टीक ड्रम दो सो से ज्यादा फिट केबल डबल में तथा दवा छिड़काव करने की बड़ी स्प्रे मशीन मय टंकी के जलकर राख हो गई।रात तकरीबन 1 बजे से 2 के बीच में लगी आग उस समय पास ही के एक बाड़े में दादाजी और दुसरी ओर पास ही में हाली सो रहा था।की बाड़े में बने मकान पर पालतू कुत्ता जोर जोर से चिल्ला रहा था।जिसे सुनकर दादाजी की नींद खुल गई गांव में लोगों को बुलाने गए तब तक आग बहुत तैज बढ़ चुकी थी। गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू काया। ओर पुलिस को सुचना दी जिसपर पुलिस भी पहुंची मौके पर। श्री द्वारका लाल नागर पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत ढोलम ने भी जानकारी देते हुए बताया गया है कि रात्रि के समय करीबन 1 से 2 बजे के बीच अज्ञात लोगों द्वारा आग लगाई गई है। क्योंकि बिना आग लगाऐ यहां पर किसी भी कंडीशन में आग नहीं लग सकती है। क्योंकि न तो यहां बिजली की लाइनें हैं जो शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग सके न यहां पर कोई बीड़ी सिगरेट पीने वाला भी नहीं आता है। ऐसे में स्थिति पैदा हो रही है अज्ञात लोगों द्वारा आग लगाने की घटना को अंजाम दिया गया है। आग लगने से मेरे ही परिवार में काफी नुकसान हुआ है आग लगने से 14 बीघा का लहसुन 4 ट्रांसफार्मर 16 एचपी के 2 और 25 एचपी के 2 प्लास्टिक के 4 खाली ड्रम 400 से ज्यादा कास्ता पाइप और खेत पर दवा छिड़काव करने की बड़ी स्प्रे मशीन 200 से ज्यादा फिट की डबल में केबल भी जलकर राख हो गई।जिस समय आग लगी उसी रात को गांव में कुछ शादी समारोह का आयोजन हो रहा था जिसके कारण गांव में ज्यादा आवाजें सुनाई नहीं दी। पीड़ित परिवार के सदस्य महावीर नागर ने बताया कि जिस दौरान आग लगी उस समय गांव में शादी का माहौल चल रहा था बैंड बाजे बजने की वजह से आवाज सुनाई नहीं दी जब आग की लपटे तैज हुई उस दौरान हमारे पालतू कुत्ते ने चिल्लाना शुरू कर दिया था। उसके बाद पास के बाड़े में सो रहे बुढ़े दादाजी और दुसरी ओर सो रहे हाली ने आग का मंजर दैखा तो वह गांव की ओर भागकर गांव वालों को भूलाकर लाऐ उसके बाद आग पर काबू पाया।ओर आग बुझाई।उस दौरान जहां पर आग लगी वहां पर जानवर भी बंधे हुए थे। अगर कुछ देर हो जाती तो बेजुबान जानवर जिंदा ही जल जाते। पीड़ित परिवार के सदस्यों ने संबंधित विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अवगत करा दिया गया कि आग लगने की वजह से इस तरह का नुक़सान हुआ है। जानकारी देते हुए बताया गया है कि आप-पास में लगी तीन चार ट्युबवेलों को ओर ट्रैक्टरों में लग रही दवा छिड़काव करने वाली गांव वालों की मशीनों से पानी डाल कर आग पर काबू पाया गया। सुबह ग्राम पंचायत ढौलम सरपंच प्रतिनिधि बृजराज मीणा ने भी मौका स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर छीपाबड़ौद तहसीलदार भेरूलाल मीणा को घटना की जानकारी दी। जिसपर तहसीलदार भेरूलाल मीणा ने हल्का पटवारी धनराज सहरिया को घटना स्थल पर भिजवाकर मौका दिखवाया। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया गया है कि आग की घटना से काफी नुकसान हुआ है करिबन 10 लाख रुपए से ज्यादा का। लेकिन सबसे अच्छा हुआ की लोग दौड़ पड़े नहीं तो बेजुबान जानवर जिंदा जल जाते वहीं दूसरी ओर जहां पर आग लगी उसके पास एक दिवार के दूसरी ओर हार्वेस्टर मशीन रखी हुई थी।जो आग की लपटों से दूर रही और बच गई। जिसने भी इस घटनाक्रम के बारे में सुना वह दंग रह गया।ओर घटना स्थल पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
संवाददाता कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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