उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) रायबरेली आईटीआई परिसर स्थित वृद्धाश्रम में आज सुंदरकांड का आयोजन किया गया। सुंदरकांड में सभी माता-पिता तुल्य वृद्धजन भक्ति गंगा में खो गए और आज उन्होंने ईश्वर का ध्यान किया। किसी न किसी कारण से अपना निज आवास छोड़कर इस वृद्धाश्रम में रह रहे हैं। आज हमारा परम सौभाग्य है कि आज वृद्धजनों के बीच रामचरितमानस का आध्यात्मिक महत्व का सुंदरकांड आयोजित करके बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ। समापन तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। वृद्धजनों की मनःस्थिति को ध्यान में रखते हुए आज हम सबने सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया क्योंकि अंतिम पड़ाव ईश्वर का नाम है। कवि सुशील यादव ने कहा कि वृद्धजन माता-पिता तुल्य हैं। इनकी सेवा करना हमारा परम् कर्तव्य है। समाज को ये लोग प्रेरणा देते हैं। हम सच्चे मन से अपने माता पिता की हर सम्भव सेवा करें और अपने साथ रखे, तो इन्हें वृद्धाश्रम में शरण लेना ही न पड़े। इस कार्यक्रम का आयोजन श्री छोटेलाल की प्रेरणा से उनके सपुत्र कवि सुशील कुमार यादव संचालक स्काई क्लासेस रायबरेली एवं अशोक कुमार गौतम असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया। अशोक कुमार ने कहा कि यौवन अवस्था में नहीं, भावनाओं में होता है। वृद्धजन हमारे जीवन पर बोझ नहीं, वे आशीर्वाद और सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने का माध्यम होते हैं। जब हम इनका सम्मान करेंगे तो परमात्मा अवश्य मेरी मनोकामना पूर्ण करेंगे। इस अवसर वृद्धाश्रम के संचालक कृष्णकांत यादव, प्रबंधक नीतू, शिवेंद्र पाल, गोलू, रणवीर, शिवम, सुनील यादव आदि भक्तगणों ने आध्यात्म का रसास्वादन किया।
रिपोर्टर राम सिंह राय रायबरेली
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