उत्तर प्रदेश (राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि )जौनपुर
जौनपुर (जलालपुर )। क्षेत्र के महिमापुर के निवासी दिव्यांग सुरेश चंद का मकान था जिसे उनके छोटे भाई ने कई सालों से कब्जा कर बैठा थे सुरेश चंद ने कई बार अपने भाई से अपने हिस्से वाली जमीन को मांगा पर जल्दी देने को तैयार नहीं होते था इसी को लेकर कई बार रिश्तेदारों के बीच पंचायत भी हुआ जिससे कुछ निष्कर्ष नहीं निकलता था इसी वजह से दिव्यांग सुरेश चंद्र थक हार कर फुटपाथ पर दुकान लगाकर अपना एवं अपने परिवार का जीवन यापन करने लगा दिव्यांग सुरेश चंद्र के परिवार में उनकी पत्नी तथा उनकी बड़ी बेटी है जो दोनों पैर से दिव्यांग है तथा इनका तीन बेटा भी है एक बेटा इनका दिल्ली में पानी सप्लाई करता है तथा दो बेटा घर पर ही अपने पिता के काम में हाथ बढ़ाते हैं जरूरत के हिसाब से परिवार का खर्चा बढ़ने लगा जिससे सुरेश चंद्र घर के हालात को देखते हुए एक बार फिर अपने रिश्तेदारों के बीज पंचायत बैठाया जिसमें उनके छोटे भाई ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम एक शर्त पर खाली करेंगे कि सुरेश चंद हमारे हिस्से में एक चापाकल और एक शिर्डी और नीचे से लेकर ऊपर तक पार्टीशन का कार्य यह कराएंगे तब जाकर हम उनके हिस्सा खाली मकान को करेंगे पंचायत में सुरेश चंद्र को समझा-बुझाकर मनाया जिससे वह तैयार हो गया जब कार्य कराने की पारी आई तो दिव्यांग सुरेश चंद के पैसे ना होने की कारण से उनका पूरा परिवार टेंशन में हो गया सुरेश चंद्र से पूछे जाने पर बताया कि हमने कई लोगों के पास अपनी बातें बता कर मदद मांगा पर किसी ने हमारा मदद नहीं किया नाही प्रधान या विधायक या किसी के द्वारा कोई सहायता नहीं मिला जिससे उनका पूरा परिवार काफी टेंशन में हो गया पर कहते हैं कि समाज में कुछ अच्छे लोग भी होते हैं जो किसी कि समस्या को देखकर उसके निवारण के लिए दिलो जान से उनके साथ खड़े रहते हैं ऐसे ही दिव्यांग सुरेश चंद के परिवार के साथ हुआ जो कि उनके समाज में कोई उनका मदद नहीं किया लेकिन दिल्ली के रहने वाले अटल बिहारी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट सुशील राजा ने दिव्यांग परिवार का आर्थिक मदद पहुंचा कर और उसके भाई के द्वारा कब्जे वाले हिस्से को मुक्त कराया दिव्यांग परिवार ने बताया कि एक अनजान फरिश्ता ने भगवान के रूप में आकर हमारे परिवार पर बहुत बड़ा उपकार किए वह इंसान नहीं भगवान है हमारा परिवार हर रोज यही दुआ करेंगे कि भगवान उनके परिवार को हमेशा खुश रखे
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