उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। भगवान श्री राम की तपोस्थली कामतानाथ पर्वत के बगल में पेरातीर के हनुमान मंदिर रामेश्वर भोलेनाथ मंदिर बिहारा मे आयोजित इस राम कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथा व्यास नवलेश दीक्षित ने गायन व व्याख्यान के माध्यम से महाराज दशरथ के चारों पुत्रों का नामकरण के उपरान्त वात्सल्यमयी बाल लीलाओं का वर्णन, बाल्यकाल से ही भातृत्व दिग्दर्शन, मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम के अवतार की मूल अवधारणा को सार्थक करने वाले लीला चरित का प्रधान पक्ष वनगमन की कथा सुनाई। भरत के शोक की पराकाष्ठा का संवदेनापूरित विवेचन कर चित्रकूट की ओर भरत का प्रजा सहित प्रस्थान करने की मार्मिक व विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने कहा कि अहंकार बुद्धि के नाश का कारण है इसलिए महापंडित, ओजस्वी, महान विद्वान, शक्तिशाली, चक्रवर्ती राजा होकर भी नारी शक्ति का सम्मान न करने पर उनका विनाश हुआ। उसी प्रकार हर युग में जो व्यक्ति का नारी का सम्मान न करें उसका भी विनाश
अनिवार्यहै यही भारतीय संस्कृति है कि नारी जाति का सम्मान हो। इस कथा के मुख्य जजमान रमेश शुक्ला व उनकी धर्मपत्नी हीरामन कथा के आयोजक भोले राम शुक्ला, चुनकावन पांडे पूर्व प्रधान, संतोष मिश्रा और आसपास के कई ग्रामीणों के आए गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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