उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) मानिकपुर, चित्रकूट: बांदा से चलकर आए संत आदरणीय डॉ दर्शन सिंह ने फरमाया कि हम चाहे तो इस मानव जन्म में स्वयं को मुक्त कर सकते हैं। मुक्ति आजादी को कहते हैं। जब हमारी आत्मा इस विशाल परमात्मा को पाकर इस से जुड़ जाती है। तो फिर नाशवान संसार के बंधन में नहीं फंसती।
कहा कि जो व्यक्ति सतगुरु की शरण में आ जाता है, और ईश्वर की प्राप्ति कर लेता है उसका आवागमन मिट जाता है। उसकी आत्मा की हालत उस बूंद की-सी है, जो सागर में मिलकर अपने आप को खो देती है। ठीक इसी प्रकार जब सद्गुरु की कृपा से आत्मा ईश्वर में लीन हो जाती है तो उसे कोई भी ईश्वर से अलग नहीं कर सकता और तब उसका बार-बार जन्म लेने और मरने का चक्कर समाप्त हो जाता है सत्संग का संचालन नीरज श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान आनंद राज श्रीवास्तव (मुखी), शिव भवन (संयोजक), दिलीप सिंह, देवानंद, लोटन प्रसाद, संदीप अनेकों सेवादल के भाई-बहन उपस्थित रहे। यह जानकारी मानिकपुर के मीडिया प्रभारी सौरभ श्रीवास्तव ने दी है।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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