उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: एक जुलाई से 30 सितम्बर तक जनपद में संभव पोषण संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जुलाई के चैथे सप्ताह में स्तनपान का सही तरीका, इससे जुड़ाव की स्थिति पर आधारित गतिविधि आयोजित की जा रही है। जबकि इसके पूर्व पहले सप्ताह में गर्भावस्था के आखिरी त्रैमास में स्तनपान प्रोत्साहन, द्वितीय सप्ताह में जन्म के समय कम वजन के बच्चों की देखभाल और तीसरे सप्ताह में कंगारू मदर केयर की गतिविधियाँ हो चुकी हैं। 25 से 30 जून के मध्य एक लाख से अधिक बच्चों का वजन लेते हुए उनकी लम्बाई और ऊंचाई भी मापी गयी। इसमे 952 सैम (अति गंभीर कुपोषित) बच्चे मिले। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने दी।
गौरतलब है कि संभव अभियान के तहत सैम (अति गंभीर अतिकुपोषित)-मैम (मध्यम गंभीर कुपोषित) तथा अल्प वजन वाले बच्चों को चिह्नित कर उन्हें स्वस्थ बनाने के प्रयास हो रहे हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि संभव अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित नौ अन्य विभाग सहयोग कर रहे हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को इसका नोडल बनाया गया है। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि उपलब्ध कराई गयी सूची के अनुसार ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा से कुपोषित बच्चों के परिवार के पास यदि जाबकार्ड नहीं है तो उन्हें उपलब्ध कराएंगे। कुपोषित बच्चों के परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होने का सत्यापन करेंगे। शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है, अभियान के दौरान माह में कम से कम एक बार स्कूलों में पोषण परामर्श सत्रों का आयोजन कराएं। जनजागरूकता एवं पोषण साक्षरता को बढ़ाने के लिए विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों पर सहयोग करें। खाद्य एवं रसद विभाग को को चिन्हित कुपोषित बच्चों के परवारों की उपलब्ध कराई गयी सूची के मुताबिक पात्रता के आधार पर राशन कार्ड उपलब्ध कराना। चिन्हित कुपोषित बच्चों के परवारों को हर माह राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। पोषण वाटिका की स्थापना के लिए फलदार एवं सहजन के पौधे, बीज आदि की व्यवस्था करे। आयुष विभाग को एनीमिया से बचाव के लिए औषधीय पौधों के बारे में जागरूकता गतिविधियाँ एवं पोषण वाटिका स्थापन्न में सहयोग करने की जिम्मेदारी दी गयी है। पोषण पर जनजागरूकता एवं पोषण साक्षरता को बढाने के लिए विभिन्न सामुदायिक गतिविधियां जैसे पोषण चैपाल, पंचायत एवं पोषण उत्सव का आयोजन, मोटे आनाज के फायदे व प्रयोग के लिए प्रोत्साहन गतिविधियाँ कराने और पोषण वाटिका निर्माण में सहयोग करने का दायित्व दिया गया है।
डीपीओ ने बताया कि जनपद में 25 से 30 जून के मध्य एक लाख से अधिक बच्चों का वजन लिया गया और उनकी लम्बाई और ऊंचाई भी मापी गयी। इसमे 952 सैम बच्चे मिले।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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