उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: धर्मनगरी परिक्रमा मार्ग स्थित तृतीय मुखारबिंद लक्ष्मीनारायण मन्दिर में मंगलवार को झूला उत्सव का आयोजन किया गया। मन्दिर के महंत श्यामदास ने बताया कि अनादिकाल से श्रावण मास में नाग पंचमी के अवसर पर झूला उत्सव मनाए जाने की परम्परा है। प्रभू श्रीराम ने भी अवध में श्रावण मास में नाग पंचमी पर झूला उत्सव का आयोजन किया था। इसी परम्परा के तहत यहां भी खोही गांव के लोगों और स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ झूला उत्सव का आयोजन हर्षोल्लास से किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म शास्त्रों में नाग की पूजा को बहुत महत्व दिया गया है। वहीं नाग देवता को भोलेनाथ के गले का आभूषण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ‘नाग पंचमी‘ मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता के पूजन से सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। मंदिरों में झूला झूलाकर मनाया जाता मंगलवार के दिन नाग पंचमी पड़ रही है।
इस मौके पर सुषील, अरूण कुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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