उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत एकेएस विश्वविद्यालय सतना के कृषि संकाय के छात्रों का औद्योगिक प्रशिक्षण के तहत सात दिवसीय जैम, जेली एवं अचार मेकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बीती 28 अगस्त से आवासीय व्यवस्था के साथ शुरू हुए इस रोजागारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 3 सितम्बर को होगा।
उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट की खाद्य प्रसंस्करण इकाई में 25 प्रशिक्षणार्थियों के इस प्रशिक्षण का शुभारंभ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग प्रशिक्षण केन्द्र के प्राचार्य मनोज सैनी एवं प्रशिक्षक नत्थू प्रसाद ने किया।
प्राचार्य मनोज सैनी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को जैम, जेली एवं अचार की विनिर्माण प्रक्रिया आवश्यक उपकरण के साथ इस व्यवसाय को कैसे शुरू करें। इसकी विस्तृत जानकारी दी जा रही है. जेम जेली बनाने का एक लाभदायक व्यवसाय है, इसके अलावा आप कम पूंजी निवेश के साथ छोटे पैमाने पर व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने नीति निर्माताओं से बहुत ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए यह योजना अनुकूल है।
केंद्र प्रभारी विनीत श्रीवास्तव ने उद्यमिता जागरूकता एवं कम्युनिकेशन का महत्व बताते हुए एक उद्यमी कैसे तैयार होता है वह कैसे उद्योग लगा सकता है तथा उसे कौन-कौन से कार्य करने होंगे। इस पर उन्होंने विस्तृत जानकारी रखी।
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक हेमराज द्विवेदी ने फूड प्रोसेसिंग उद्योग की जानकारी रखते हुए खाद्य में मिलावट एवं संरक्षण के विषय को रखा। प्रतिदिन की कक्षा के लिए उद्यमिता विद्यापीठ के खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षक नत्थू प्रसाद कुशवाहा ने पहले दिन सेब से जैम एवं जेली बनाने का प्रयोग छात्रों को कराया।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के प्रशिक्षक रमाशंकर शुक्ल ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम केंद्र सरकार की स्वरोजगार योजना है।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
You must be logged in to post a comment.