संस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: संस्कृति विभाग की जनजातीय लोककला एवं बोली विकास अकादमी के अंतर्गत संचालित तुलसी शोध संस्थान, चित्रकूट के द्वारा स्थापित की गई व्याख्यान एवं भक्ति संध्या की मासिक श्रृंखला का आयोजन अपने उद्देश्य को सार्थक करते हुए तुलसी भवन, तुलसी शोध संस्थान, नयागॉव, चित्रकूट के वातानुकूलित सभागार में संपन्न हुआ।

भक्ति की बहुआयामी दृष्टियां मुख्य विचार के साथ प्रायः प्रतिमाह पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित होने वाली इस प्रतिष्ठित गतिविधि में हर बार कुछ नया लक्ष्य स्थापित करने के उद्देश्य से इस माह बहुआयामी आदर्श राम-चरित विषय पर केंद्रित व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भगवानस्वरूप शर्मा चैतन्य ग्वालियर ने कहा कि राम कथा जीवन मूल्य ही नहीं निर्धारित करती है बल्कि उससे आगे बढ़कर जीवन आदर्श सुनिश्चित करने का पर्याय बन पड़ी है। अपनी बात को स्थापित करने के लिए उन्होंने हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकारों, कवियों, लेखकों एवं विचारकों के उद्धरण सहित अपने विचार पुष्टता से व्यक्त किए।‘

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ उपन्यास एवं कथाकार राम गोपाल तिवारी भावुक ने कहा कि वह डॉ. चैतन्य की अभिव्यक्ति से सहमत होते हुए अपनी ओर से सातवीं शताब्दी के महाकवि भवभूति के राम पर केंद्रित सारगर्भित वक्तव्य भी प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अभय महाजन, दीनदयाल शोध संस्थान एवं तुलसी शोध संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी दीपक कुमार गुप्ता द्वारा सभी साहित्यकारों एवं उपस्थित कलादल का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो अवधेश प्रसाद पांडेय ने किया।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट