सभी को शुद्ध पानी पहुंचाना नगर निकाय का महत्वपूर्ण दायित्व – डीएम

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द तथा अध्यक्ष नगर पालिका परिषद कर्वी नरेंद्र गुप्ता की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश राज्य सेप्टेज पॉलिसी एवं यूज्ड वाटर प्रबंधन विषय पर चित्रकूट जनपद की नगर निकाय के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर बिंदीराम होटल के सभागार में किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा जनपद में यूज्ड सेव वाटर के संबंध में यह कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में जो प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसकी जानकारी अच्छी तरह से कर ले, यह कार्यशाला यूज वाटर प्रबंधन से है। उन्होंने कहा कि जनपद में पानी की समस्या रहती है। नगरीय निकाय का एक महत्वपूर्ण दायित्व है कि सभी को पानी शुद्ध मिले। कहा कि नगर निकायों का सक्रिय दायित्व है कि आगे क्या कार्य योजना है, उसे सीखें। उन्होंने कहा कि ग्राउंड वाटर, सेफ्टी वाटर की समस्या होती है। साथ ही साथ नगर पालिका के द्वारा स्ट्रांग वाटर एवं उसका ट्रीटमेंट होना चाहिए। अगर सही से नहीं किया गया तो नदियों में वेस्टेज पानी जाता है जो प्रतिबंधित है। सॉलिड वेस्ट ही नहीं लिक्विड भी यह नगरीय निकाय व जिला प्रशासन को प्रबंधन करना पड़ेगा, उनके टेक्निक ट्रीटमेंट के बारे में समझना पड़ेगा, उसी के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जो भी टेक्निक बताए जाए उसे आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी के बारे में अच्छी तरह से सीखे ताकि जनपद में कार्य कर सकें। सभी से अनुरोध है कि कार्यशाला को गंभीरता से लें ताकि आगे प्रोजेक्ट पर कार्य कराए जा सके।

अध्यक्ष नगर पालिका परिषद कर्वी नरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि नगर निकाय में यूज वाटर की समस्या आ रही है। वेस्टेज वाटर को कैसे कंट्रोल करें। इस पर कार्य करने की जरूरत है। शहर में डेंगू का प्रकोप चल रहा है। यूज वाटर को कैसे प्रबंधन करें। इस पर सीखना, जागरूकता की आवश्यकता है। रिचार्जिंग का सिस्टम बनाया जाए। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू करके प्रत्येक मकान में बनवाए जाएं। उन्होंने कहा कि नालो नदियों का पानी बहकर जाता है। जिसे साफ करके हम लोग यूज करते हैं। निकाय स्वावलंबी हैं, लेकिन आम जनमानस को जागरूक करना पड़ेगा, किस तरह से वाटर को यूज करें। उन्होंने जिलाधिकारी तथा अधिशासी अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक घर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाना बहुत आवश्यक है। हमें जल बचाना बहुत जरूरी है। इस कार्यशाला से हमें प्रेरणा लेकर शहर व जनपद को नई दिशा देना होगा तभी हम वाटर रिचार्जिंग के कार्यों को बढ़ावा दे सकते हैं।

कार्यशाला में असिस्टेंट डायरेक्टर डॉक्टर ए के सिंह एवं ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ उर्वशी शर्मा क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र लखनऊ ने नगर निकाय जल निगम जल संस्थान व पंचायती राज के अधिकारियों, कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश राज्य सेप्टेज पालिसी एवं यूज्ड वाटर प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हमारी इकाई भारत सरकार के निर्देश पर नौ राज्यों तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों पर कार्य कर रही है। उन्होंने जैव ठोस, डी-स्लॉजिंग, डाइजेशन, घरेलू सीपेज, प्रवाह, उन्नत स्वच्छता, अनसाइड स्वच्छता प्रणाली, सीपेज पिट या शोक गड्ढे, सेप्टेज, सेवा प्रदाता, सीवेज, सीवर, सीवरेज, स्थिरीकरण आदि बिंदुओं पर विभिन्न जानकारी दी।

इस मौके पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद कर्वी राम अचल कुरील, मानिकपुर राम आशीष वर्मा, मऊ, राजापुर बी एन कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट