सचिवालय में सचिवों के न बैठने से ग्रामीण होते हैं परेशान

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) पहाड़ी, चित्रकूट: विकास खण्ड पहाड़ी की ग्राम पंचायतों में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी अपने कार्यालयों मे नहीं बैठते हैं। कलस्टर, ग्राम सचिवालय में न बैठकर विकास खण्ड मुख्यालयों के अन्तर्गत स्थित आवासीय शासकीय भवनों मे प्राइवेट मुंशियो एवं दूर दराज के ठेकेदार के साथ बैठे नजर आते है। साथ ही ग्राम पंचायतो मे गांव के विकास को आये धन को ठेकेदारों के माध्यम से घटिया निर्माण व घटिया सामग्री का प्रयोग कर सरकारी धन को ठिकाने लगाया जा रहा है। विकास खण्ड पहाड़ी में सुबह से ठेकेदारों का जमावड़ा सचिव आवास में देखा जा सकता है। जबकि इनकी ठेकेदारी के लिए सालवेंशी तक नहीं है और न ही कहीं रजिस्ट्रेशन है। फर्जी मैटेरियल का रजिस्ट्रेशन करा सामग्री के नाम स्वयं भुगतान कराते हैं। जबकि धरातल में दुकान कहीं नजर नहीं आ रही। विकास खण्ड कार्यालय पहाड़ी में तैनात सचिव का गांवो की भोली-भाली जनत को दर्शन करना नसीब में नहीं है। तब ग्रामीण क्षेत्रों व दूर के गांवो की जनता विकास खण्ड पहाड़ी कार्यालय की तरफ मजबूरन आना पडता है। जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी अपने पत्र मे साफ लिखा है कि दिन के हिसाब से समय सारणी के अनुसार ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों को पंचायत कार्यालायो में उपस्थित रहने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन लापरवाह सचिव अपने अधिकारियो के दिशा-निर्देशों को ताक मे रखकर काम करते नजर आते है, लेकिन जब गाँव की जनता सचिवों से अपने काम करवाने के लिए विकास खंड कार्यालय पहाड़ी में आते है तो प्राइवेट मुंशियो द्वारा कह दिया जाता है कि अभी सचिव साहब नहीं है, क्षेत्र मे गये है। इस प्रकार फरियादियों को वापस बैरंग लौटना पड़ता है। ऐसे लापरवाह सचिवों पर जिले के जिलाधिकारी एक्शन लेंगे या ऐसे ही इनकी लापरवाही का आलम बरकरार रहेगा। जब इस संबंध मे सहायक विकास अधिकारी पंचायत रूपनारायण सिंह से बातचीत की गई तो उन्होने बताया कि सम्बन्धित सचिव को कलस्टर रोस्टर के हिसाब से अपने सचिवालय भवन मे बैठकर जनता का काम शासन के मंशानुसार करना चाहिए यदि लापरवाही करते है। तो अपने उच्च अधिकारी को जानकारी देते हुए। उचित कार्यवाही की जायेगी।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट