उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट जिला के कर्वी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अकबरपुर में इन दिनों एक बार फिर फर्जी रूप से सरकारी धन का बंदरबांट करने का मामला प्रकाश में आया है आपको बता दे कि एक ओर जहां केंद्र सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों को गांव पर ही रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना का शुरूआत किया गया है वहीं अब मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत मजदूरों को रोजगार तो नहीं दे रही बल्कि ग्राम सचिव व पंचायत मित्र मालामाल हो रहे हैं वजह यह है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के अंतर्गत फर्जी हाजिरी भरकरके पैसा निकालने का सिलसिला बड़े जोरों पर है अकबरपुर निवासी व्यक्ति ने जानकारी देते हुए बताया है कि कुछ दिन पहले उसके मनरेगा जॉब कार्ड में फर्जी हाजिरी भर दी गई थी और जब उसको पता चला तो उसके द्वारा फर्जी हाजिरी का पैसा बैंक खाते से निकाला गया है उसने ही स्पष्ट रूप से बताया कि ग्राम पंचायत में फर्जी हाजिरी का खेल काफी समय से चल रहा है किसी भी व्यक्ति पर फर्जी हाजिरी भर के पैसा खाते में डाल दिया जाता है कि वह ₹500 लेकर ईमानदारी के साथ पूरा मनरेगा योजना से आने वाली राशि का भुगतान ग्राम पंचायत सचिन व पंचायत मित्र को कर दें यदि मजदूर इमानदारी के साथ मनरेगा की हाजिरी जो फर्जी रूप से मजदूरों के खाते में डाली जाती है उसका भुगतान कर देता है तो दुबारा के लिए रास्ता बना रहता है और फिर लगातार उस मजदूर और परिवार वालों के खाते में घर बैठे मनरेगा योजना से पैसा आना शुरू हो जाता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कर्वी विकासखंड की ग्राम पंचायतों में किस तरह मनरेगा योजना की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है और जिले में बैठे खंड विकास अधिकारी के साथ-साथ उच्च अधिकारी चुप्पी साधे हुए बैठे हैं।
*रिपोर्ट* पंकज सिंह राणा
जनपद चित्रकूट
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