उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से बुन्देलखण्ड डेवपलपमेन्ट रिसर्च फाउण्डेशन चित्रकूट द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विज्ञान साक्षरता एवं विज्ञान संचार के माध्यम से युवाओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम समन्वयक आदित्य कुमार मिश्रा ने बताया कि इस कार्यशाला मे विभिन्न ग्राम पंचायतों से चयनित 25 प्रतिभागी प्रतिभाग कर रहे है। कार्यक्रम उद्देश्य ग्रामीणो में पर्यावरण विज्ञान साक्षरता के प्रति समझ विकसित करना तथा विज्ञान मीडिया के माध्यम से प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण के प्रति संवेदित करना तथा प्राकृतिक संसाधन के पुनः उपयोग की प्रवृत्ति विकसित करना है। उन्होंने कहा कि मानव कल्याण एवं सम्पूर्ण वातावरण की सुरक्षा के लिए किये जाने वाले सार्थक एवं दिशात्मक प्रयास, पर्यावरण संरक्षण के बिना संभव नहीं है। आज के समय मे पर्यावरण सुरक्षा को लेकर प्रत्येक व्यक्ति का सजग होना अति आवश्यक है तथा जब तक प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर नही हो जाता, तब तक हमारे सामने पर्यावरण संरक्षण का सवाल हमेशा खडा रहेगा। यदि हम पर्यावरण पर अत्याचार करते है तो इसकी सुरक्षा और संरक्षण का दायित्य भी हमारा ही है। इस पाॅच दिवसीय कार्यशाला मे नाॅदी, रम्पुरिया, रसिन सहित विभिन्न ग्राम पंचायत से आए युवा किसानों को प्रोजेक्टर के माध्यम से भूजल, जल संकट, जल प्रबंधन, भूजल संरक्षण तथा उत्तर प्रदेश भूजल प्रबधन बिल 2017 के विषय में लघु फिल्म के माध्यम से पर्यावरण के प्रति संवेदित किया। कार्यशाला में पर्यावरण प्रदूषण जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, तरल अपशिष्ट, ठोस अपषिष्ट व जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदित करते हुए शंकर दयाल ने प्रशिक्षणर्थियो को वायु प्रदूषण के बारे में सजग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश न केंवल जनसंख्या के मामले अपितु प्रदूषण में भी अग्रणी है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम जारी कर देश मे बढते वायु प्रदूषण को नियत्रिंत करने और कम करने के प्रयास कर रहे है। बताया कि जलवायु परिवर्तन के समाधान के रूप मे सौर उर्जा को बढावा देना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वच्छ सौर उर्जा के बारे मे जनता को बढावा देने और शिक्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूकता को लेकर जनता हर दिन अघिक जागरूक और संवेदनशील होती जा रही है। प्रगतिशील किसान शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि अधिकतर जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नही है, जिससे उन्हें कुपोषण, बाल मजदूरी और पलायन जैसी समस्यओ का सामना करना पडता है। जिससे निपटने के लिए ग्रामवासियो को वैज्ञानिक तरीके से औषधीय प्रजाति के पौधे लगाना चाहिए तथा औषधीय खेती (जैसे- सफेद मूसली, एलोवेरा) से युवाओ को आगे आना चािहए। उन्होंने ग्रामीण युवाओं को पर्यावरण के प्रति संवेदित करते हुए कहा कि पर्यावरण का मतलब केवल पेड पौधे लगाना ही नही है बल्कि अपने पास पडोस के प्राकृतिक संसाधनो को सुरक्षित एवं संरक्षित कर उनको पुनः उपयोग मे लाकर भी पर्यावरण के प्रति अपनी दायित्वो का र्निवहन कर सकते हैं। कार्यक्रम के संचालक डाॅ प्रभाकर सिंह ने प्रशिक्षणर्थियो को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलायी। कार्यक्रम मे कार्यकत्र्ता लवलेश ंिसंह, अशोक मिश्रा, रविशंकर आदि मौजूद रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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