नाबालिक बच्चों को मिलती है नि:शुल्क कानूनी मदद, विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर

उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश आरपी सिंह के निर्देश पर बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में बाल संप्रेक्षण गृह में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें बाल अधिकारियों की जानकारी दी गई। जिला मुख्यालय स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नम्रता शर्मा ने बताया कि नाबालिग बच्चों के हाथों से कोई अपराध होने पर उन्हें जेल में नहीं रखा जाता है। जेल में पेशेवर अपराधियों के बीच में बालकों के पहुंचने पर उनका आने वाला जीवन भी आपराधिक गतिविधियों में केंद्रित हो सकता है। कानून की सोच है कि कम उम्र के बच्चों के हाथ से कोई अपराध होने पर उन्हें सुधरने का मौका दिया जाना चाहिये। इसके चलते ऐसे बच्चों व किशोरों को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा जाता है और उनके मुकदमे की सुनवाई भी अलग से की जाती है। साथ ही उनका किसी भी प्रकार का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।उन्होंने कहा कि बाल सुधार गृह में बंद बच्चों को संविधान द्वारा बनाए गए कानून के तहत प्रशासन द्वारा बच्चों को समस्त योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इस दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट वसुंधरा शर्मा ने बाल सुधार गृह के प्रभारी अधीक्षक वीर सिंह को निर्देश दिए कि बाल सुधार गृह में बंद सभी बच्चों को शासन द्वारा संचालित सुविधाएं मुहैया कराई जाएं और प्रतिदिन मेन्यू के हिसाब से गुणवत्ता युक्त भोजन दिया जाए।इस मौके पर जितेंद्र सिंह, शिक्षक मनीष कुमार, पुरुषोत्तम, परामर्शदाता दीपक शर्मा, केयरटेकर मुन्नीलाल, कंप्यूटर शिक्षक नितिन, विद्युत प्रशिक्षक लवकुश, ड्यूटी आरक्षी वेदप्रकाश आदि मौजूद रहे।

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव चित्रकूट