आत्म तत्व की शिक्षा वर्तमान की आवश्यकता है डॉ सी बी पाठक

उत्तर प्रदेश ( राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर

 

 

जौनपुर (पराऊगंज)।कुटीर पीजी कॉलेज चक्के के बी.एड विभाग द्वारा महान शिक्षा शास्त्रियों , दार्शीनिको और मनीविकों के चिंतन की शैक्षिक सार्थकता के क्रम में महर्षि अरविंद घोष के शैक्षिक चिंतन का समाजिक अवदान विषयों पर मंगलवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया । छात्रा उर्वशी सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना व पूजन कर किया । छात्र छात्राओं ने ने अरविंद के शिक्षा दर्शन पर प्रकाश डाला। शोध छात्र उपेंद्र दुबे ने अरविंद के समाज दर्शन पर प्रकाश डाला । डॉ रामेश्वर नाथ सिंह ने अपने उद्बोधन में अरविंद के जीवन की महत्वपूर्ण अध्याय पर प्रकाश डालते हुए उनके योगदान के बारे में बताया। संयोजिका डॉ अनीता तिवारी ने कहा कि अरविंद घोष शिक्षक एवं महत्वपूर्ण लक्ष्य बालकों में सामाजिक पक्ष के विकास को माना ।वे एक देवी समाज और देवी मानव की कल्पना करते थे। अध्यक्षता कर रहे बी एंड विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सीबी पाठक ने कहा कि महर्षि अरविंद के शैक्षिक उद्देश्य भारत एवं भारतीयों के अनुरूप थे ।उनके अनुसार शिक्षा के उद्देश्य था कि आत्म तत्व की शिक्षा और चेतना शक्ति की शिक्षा का विकास तथा साथ ही साथ ज्ञानेंद्रियों का सदुपयोग ही वर्तमान की आवश्यकता है।