कोटे की चयन में पक्षपात का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने जताया विरोध 

उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। विकासखंड कर्वी की ग्राम पंचायत कादरगंज में रिक्त सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन में ग्रामीणों ने शासन के आदेशों को दरकिनार कर घपला करके अपात्र समूह के पक्ष में दुकान चयन किए जाने का आरोप लगाया है। इस आशय की शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी सहित उच्चाधिकारियों से करके जांच कराने और पात्र व्यक्ति का चयन कराए जाने की मांग की है। शासन व प्रशासन को भेजे पत्र में गांव के मनोज कुमार, चुनवाद, अजीत सिंह, बसंत लाल, संगीता देवी, राजा देवी, उमा देवी आदि लोगों ने अवगत कराया कि ग्राम पंचायत कादरगंज में रिक्त सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के लिए डीसीएनआरएलएम द्वारा नियमों को ताक में रखकर अपात्र समूह सोना स्वयं सहायता के पक्ष में पैरवी की गई है। बताया कि 26 जुलाई 2022 को खुली बैठक आयोजित की गई थी जिसमें 4 समूह दुर्गा, महालक्ष्मी, लक्ष्मी एवं स्वतंत्र समूह ने आवेदन किया था और डीसी ने मिशन निदेशक आजीविका मिशन से अनुमोदन लेकर महालक्ष्मी समूह के पक्ष में अपना अभिमत दिया था लेकिन बिना किसी कारण के एसडीएम द्वारा चयन प्रक्रिया को अचानक निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया, जिसमें कोई भी कारण का उल्लेख नहीं किया गया। इसके बाद पुनः खुली बैठक कर दुकान चयन का आदेश हुआ। उस बैठक में डीसी द्वारा प्राप्त आवेदनों में अन्य 3 आवेदनों को दरकिनार कर अपात्र सोना समूह के पक्ष में अभिमत प्रस्तुत किया गया जिसमें नियमों की अनदेखी खुलेआम की गई। यह कि सोना समूह 3 वर्षों से निष्क्रिय पड़ा था, 3 वर्ष के बाद 11 अगस्त 2022 को समूह का खाता खोलकर पुनर्गठन करके सक्रिय किया गया। पुनर्गठन होने से समूह नई श्रेणी में आ जाता है, लेकिन अधिकारियों ने इसी समूह को वरिष्ठ बताकर पात्र घोषित कर चयन का रास्ता साफ कर दिया, जो खुलेआम अन्याय है और शासनादेशों का उल्लंघन है। इतना ही नहीं नए समूह राशन की दुकान के लिए गठित करना अथवा नए सदस्यों का नाम जोड़ना शासन के निर्णय की मंशा के विपरीत है। शिकायतकर्ताओं ने अवगत कराया कि यह दुकान अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थी जबकि सोना समूह का आवेदन कर्ता ज्योति सिंह सामान्य वर्ग से है जो कि नियम के विरुद्ध है। इसके अलावा और भी गड़बड़ी का एक बिंदु है जिसमें समूह के खाते में 40000 होना अनिवार्य है जबकि सोना समूह ही 5 माह पुराना है और न आर एफ आया और न ही सीआईएफ. तो फिर समूह के खाते में धनराशि कहां से आई। शिकायतकर्ता ने कहा कि डीसी एनआर एलएम द्वारा नियम कानून को ताक पर मनमाने तरीके से अभिमत प्रस्तुत किए गए हैं जो कि बिल्कुल नियम संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच कराई जाए और समूहों के रजिस्टर मंगा कर चेक किया जाए तो वास्तविकता सामने आ जाएगी।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

जनपद चित्रकूट