प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत चयनित गांवों में बढ़ाएं उपज

कार्यशाला में डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

 

 

उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में वाटर शेड विकास घटक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अंतर्गत जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया। जिसमें डीएम ने इस योजना के तहत चयनित किए गए 25 गांवों के किसानों के विकास के लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

कार्यशाला में जिलाधिकारी ने कहा कि यह सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। बताया कि इस योजना के तहत 25 गांव चयनित किए गए हैं, वहां की उपज को बढ़ाना ही इस योजना का उद्देश्य है। इस योजना के अंतर्गत इन गांवों में सिंचाई, वन, उद्यान, कृषि, मनरेगा, मत्स्य, पशुपालन आदि कार्य कन्वर्जन से कराए जाएंगे। कहा कि सभी विभाग इन 25 गांवों का सर्वे कराकर बेसलाइन तैयार कराएं और भूमि संरक्षण अधिकारी द्वितीय को उपलब्ध कराएं ताकि उसी के अनुसार प्रस्ताव तैयार कराकर कार्य कराए जा सके ताकि किसानों की पैदावार को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा से तालाब, चकरोड, समतलीकरण आदि कार्य कराए जा रहे हैं। सभी किसान भाई, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, प्रधान आदि इस योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने भूमि संरक्षण अधिकारी द्वितीय विमलेश कुमार को निर्देश दिए कि वाटर शेड कमेटी की बैठक प्रत्येक माह अवश्य कराई जाए। डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह से कहा कि इन चयनित गांव में शासकीय भूमि को चिन्हित कराकर स्वयं सहायता समूह को फलदार पौधे लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं तथा तालाब और चकरोड के भी कार्य कराए जाएं। उन्होंने किसानों से कहा कि श्रीअन्न अर्थात मोटे अनाज को भी बढ़ावा दे तथा प्राकृतिक खेती को अपनाएं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि बकरी पालन, मुर्गी पालन, सूकर पालन में स्वयं सहायता समूहों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। डीसी मनरेगा ने भूमि संरक्षण अधिकारी से कहा कि जिन गांवों को चयनित कर कार्य का पैकेज दिया गया है, उसमें मनरेगा से कार्य के लिए जो भी कराया जाना है, उसके संबंध में प्रस्ताव तैयार कराया जाए।

भूमि संरक्षण अधिकारी द्वितीय विमलेश कुमार ने बताया कि वाटर शेड विकास घटक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जनपद में 25 ग्राम चयनित किए गए हैं। जिसमें विभिन्न विभागों के कन्वर्जन से कार्य कराए जाएंगे। यह परियोजना पूरे पांच वर्ष के लिए लागू की गई है। इन सभी योजनाओं के लाभ लेने के लिए किसान हमारे भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा भूमि संरक्षण विभाग की भी योजनाएं संचालित है तथा कृषि विज्ञान केंद्र गनींवा में भी विभिन्न योजनाओं से संबंधित जानकारी प्रशिक्षण के दौरान किसानों को दिलाई जाती है, इनका भी लाभ ले। कार्यशाला में डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह, उपनिदेशक कृषि राजकुमार, जिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ सुभाष चंद्र, अग्रणी जिला प्रबंधक इंडियन बैंक दीपक कुमार, उप क्षेत्रीय वनाधिकारी हरिशंकर सिंह, मत्स्य विभाग के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्र गनींवा के वैज्ञानिक ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी एवं प्रधान, एफपीओ के सदस्य, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने भी अपने सुझाव रखे। इस मौके पर इस अवसर पर भूमि संरक्षण अधिकारी चित्रकूट तुलसीराम, भूमि संरक्षण इंस्पेक्टर शशिकांत सहित संबंधित विभागीय अधिकारी, कर्मचारी एवं समिति के सदस्य मौजूद रहे।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

जनपद चित्रकूट