उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट ब्यूरो। अनुसूचित जाति की मजदूर परिवार की नाबालिग बेटी के साथ दुराचार करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में दोषसिद्ध होने पर न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख 60 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
अभियोजन अधिकारी सिद्धार्थ आनंद एवं विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप ने बताया कि जिला मुख्यालय में रहने वाले एक मजदूर ने बीती 14 जनवरी 2017 को कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मजदूर ने बताया था कि बीती 13 जनवरी की रात आठ बजे से उसकी 14 वर्षीया बड़ी पुत्री गायब थी, जिसकी लाश दूसरे दिन 14 जनवरी को सवेरे छह बजे एक बोरे में भरी हुई मिली थी। अनुसूचित जाति के मजदूर परिवार की नाबालिग बेटी की हत्या के इस मामले को लेकर जिला मुख्यालय में कई आंदोलन भी हुए थे। घटना के 16 दिन बाद इस मामले में विवेचना के दौरान स्पष्ट हुआ कि हत्या के पूर्व मृतका के साथ बलात्कार भी हुआ था। इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए शंकर बाजार कर्वी निवासी राजा उर्फ कमलाकांत पुत्र लक्ष्मी प्रसाद को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के बाद मौके पर मिले साक्ष्यों का खुलासा करते हुए बताया था कि आरोपी राजा उर्फ कमलाकांत ने पीड़िता के साथ दुराचार किया था और अपराध छिपाने के लिए मृतका के शव को बोरे में भरकर दूसरे के दरवाजे के बाहर फेंक आया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को पाक्सो एक्ट कोर्ट के स्पेशल जज संजय के लाल ने इस मामले में निर्णय सुनाया, जिसमें दोषसिद्ध होने पर अभियुक्त राजा उर्फ कमलाकांत को आजीवन कारावास और एक लाख 60 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की संपूर्ण धनराशि मृतका के पिता को देने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही पीड़ित परिवार को राज्य सरकार से प्रतिकर दिलाए जाने की संस्तुति भी की गई है।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
You must be logged in to post a comment.