आधुनिकता में अपनी पुरातन संस्कृति और जड़ को न भूलें – एरिक सोल्हेन’

– अंतर्राष्ट्रीय एसडीजी सम्मेलन में सर्वसम्मति से ‘‘चित्रकूट डिक्लेरेशन‘‘ पारित

 

उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य अच्छा स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर पर चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित द्वितीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सोमवार को समसामयिक अनुशंसाओं के साथ संपन्न हो गया। राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की 13 पुण्यतिथि पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विमर्श के दौरान प्राप्त सुझावों को संकलित कर यूनाइटेड नेशन एजेंसियों, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों एवं सतत विकास लक्ष्यों के व्यावहारिक कार्य में लगी संस्थाओं और शोध संस्थाओं को क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान इस विषय पर आम सहमति बनी कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का डॉक्यूमेंट भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के सचिवों को भी उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया।

समापन नार्वे के पूर्व पर्यावरण एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री एरिक सोलहेन के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह, सतना सांसद गणेश सिंह, संघ के प्रचारक गोरेलाल, पूर्व कुलपति प्रोफेसर नरेश चंद गौतम, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्रा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डॉ अरविंद शुक्ला, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्रा, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डॉ वीके जैन, बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनपी सिंह, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इंफाल के कुलपति डॉ अनुपम मिश्रा, संघ के प्रचारक शेषाद्री चारी, राज ग्रामीण विकास संस्थान जबलपुर के निर्देशक संजय सराफ, पदमश्री उमाशंकर पांडेय प्रमुख रूप से मंचासीन रहे।

सम्मेलन के समापन सत्र में सतना सांसद गणेश सिंह, डीआरआई के अध्यक्ष वीरेन्द्र जीत सिंह एवं नार्वे के एरिक सोल्हेन द्वारा ‘‘वर्ल्ड एसडीजी फोरम‘‘ की भी लांचिंग की गई। एक ऐसा प्लेटफार्म जिसमें सब इकट्ठा हो सकें और अपनी बात रख सकें। वर्ष 2030 तक एसडीजी पर काम चलेगा। इससे वर्ल्ड एसडीजी फोरम को स्थाई रूप प्रदान करने में सहयोग मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ग्लोबल फोरम तैयार किया गया है। जिसमें ग्रामोदय से सर्वोदय और लोकल टू ग्लोबल भाव के साथ जो सोच नाना जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की रही उसी सोच के अनुरूप वर्ल्ड एसडीजी फोरम की स्थापना की गई है।

दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के 17 बिंदु है। सतत विकास को लेकर यह आयोजन चित्रकूट में हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने 17 बिंदुओं को लेकर वर्ष 2015 से 2030 तक के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। सतत विकास के इन 17 लक्ष्यों में से एसडीजी 1 एवं 3 पर यहाँ चिंतन हुआ है। आगे भी कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें करना है।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

जनपद चित्रकूट