*आखिर हड़ताल क्यों?*
राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अंबेडकरनगर
हड़ताल चाहे जिस भी विभाग में हो,उसे ज्यादातर लोग उचित नहीं ठहराते।लेकिन कदाचित ये भी क्यों नहीं सोचते कि आखिर कोई कार्मिक हड़ताल करने पर विवश क्यों है?आखिर हड़ताल करने की नौबत ही क्यों आती है,आदि आदि प्रश्नों के उत्तर भी समाज और सरकार को तथा उन लोगों को जो हड़ताल के खिलाफ होते हैं ,उन्हें देना चाहिए।
अगर रिक्त पदों पर नियमित भर्तियां हों, कार्मिकों के देयक बिना घूस के पारित हों, वेतन नियमित और वेतनवृद्धि समयानुसार होती रहे तो हड़ताल करने का प्रश्न ही नहीं उठता।किन्तु दुर्भाग्य से सरकार रिक्त पदों पर नियमित भर्तियां या तो करती नहीं या फिर 10-10 साल तक विज्ञापित ही नहीं करती।जिससे निजी कंपनियों को ठेका मिलता है।जिस ठेकाप्रथा का कानून विरोध करता है,उसी ठेका प्रथा पर आउटसोर्सिंग की जाती है।कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया जाता।कर्मचारियों से निर्धारित समय से ज्यादा काम लिया जाता है और उनके कोई भी देयक बिना घूस दिए शायद ही पारित होते हों।
इसके अलावा नेताओं,विधायकों,सांसदों,मंत्रियों को पुरानी पेंशन,क्षेत्र भत्ता, मुफ्त बिजली,मुफ्त फोन,मुफ्त यात्रा,मुफ्त आवास,ब्याजमुक्त लोन आदि सब सुविधाएं आयकरदाताओं की गाढ़ी कमाई से बंदरबांट करते हुए दिया जाता है।
समाज को स्मरण होना चाहिए कि गरीबों को मुफ्त आवास,शौचालय,अनाज ,विधवा,विकलांग पेंशन आदि सुविधाएं सरकारें अपनी जेब से नहीं देतीं अपितु हम शिक्षकों/कर्मचारियों द्वारा दिये गए आयकर से देती हैं।
बड़े बड़े उद्योगपति,दुकानदार आदि तो प्राइवेट सर्विस को /व्यवसाय को छुपाकर/करों की चोरी करके धनाढ्य हो जाते हैं जबकि हम कर्मचारी औसतन 12 माह नौकरी करके साढ़े दस महीने का वेतन लेते हैं और हर साल लगभग डेढ़ महीने का वेतन सरकार के पास आयकर के रूप में जमा करते हैं।जिससे सरकार मौज करती है और रेवड़ियां बांटती है।
फिर भी हमें कोई आपत्ति नहीं है।लेकिन हमें हमारी पुरानी पेंशन,सेवाओ का नियमितीकरण और समयबद्ध वेतनमान नियमित रूप से बिना घूस दिए मिलता रहे तो कोई हड़ताल नहीं होगी,ऐसा मैं विश्वास से कहता हूँ।
यदि नहीं होगा तो हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है।यही तो कर्मचारियों/शिक्षकों का हथियार और अंतिम विकल्प है।अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि मांगें मानती है या जेल में डालती है।जो भी करे,करे।
हम बिजली विभाग की हड़ताल का समर्थन करते हैं।
– उदयराज मिश्र
नेशनल अवार्डी शिक्षक
रिपोर्ट विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर
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