राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) उत्तर प्रदेश:चित्रकूट। प्रभास महासभा की राष्ट्रीय महासचिव साधना मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार को गुंता बांध परियोजना में विस्थापित किए गए मौजे गहोरा खास के ग्रामीणों को परियोजनाओं का लाभ न मिलने को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास दिलाए जाने, मकान बनाने के लिए आवासीय पट्टा दिए जाने, ध्वस्त पड़ी पेयजल पाइपलाइन को ठीक करा कर पुनः पेयजल आपूर्ति प्रारंभ कराए जाने, गुंता बांध निर्माण के दौरान गहोरा खास के ग्रामीणों की अधिग्रहीत की गई जमीनों के बदले प्रत्येक भूमिहीन परिवार को कृषि योग्य दो-दो बीघे जमीन का पट्टा दिए जाने या अधिग्रहीत की गई जमीनों के बदले प्रत्येक परिवार को कम से कम दस-दस लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
ज्ञापन के माध्यम से बताया कि सन 1975-76 में गुंता बांध परियोजना रैपुरा की शुरुआत की गई। जिसमें लगभग 15 मौजों के ग्रामीणों की जमीनें अधिग्रहित कर ली गई थी। गहोरा खास मौजा को विस्थापित कर रैपुरा में बसाया गया था। जिससे गहोरा खास के समस्त ग्रामीणों की जमीने बांध निर्माण के लिए अधिग्रहीत कर ली गई। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए काले कानून भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के तहत ग्रामीणों की जमीने तो ले ली गई, परंतु बदले में आबादी विहीन स्थान पर रहने के लिए एवं आवास बनाने के लिए प्रत्येक परिवार को महज डेढ़-डेढ़ बिस्वा जमीन दी गई थी। अधिग्रहीत की गई कृषि योग्य जमीने विस्थापित ग्रामीणों की जीविकोपार्जन का आधार थी। विस्थापित गहोरा खास के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गहोरा खास के ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समस्त भूमिहीन परिवारों को आवास, आवासीय पट्टा, पेयजल की सुविधा एवं जीविकोपार्जन के लिए कृषि योग्य जमीने या अधिग्रहित की गई जमीनों के बदले उचित मुआवजा दिया जाना अति आवश्यक है।
इसम मौके पर प्रभास महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लवलेश विराग, राष्ट्रीय संरक्षक अनिमेष कुमार गुप्ता, जिला सचिव आशीष सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष केदारनाथ, मुकेश कुमार, सत्यनारायण, प्रदोष कुमार, राजाराम, भानुमति, सुमन देवी, राजबहादुर, राजरानी व रामेश्वर प्रसाद आदि मौजूद रहे।
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