भूमाफिया सुशील कुमार पाल ने अधिकारियो के शह में बेच दी सरकारी जमीन

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) :कानपुर/फरुखाबाद के दबंग पंकज पाल उर्फ़ सुशील कुमार पाल ने ग्राम समाज की सरकारी जमीन को अपना बता कर बेच डाला .जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया लगातार भूमाफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रहे हैं वहीँ दूसरी और कुछ दबंग सत्ता का रसूख और प्रशासन को साथ लेकर सरकारी जमीन को बेच रहे हैं.

पूरा मामला ग्राम पिपरगाँव, तहसील सदर फरुखाबाद का है। जिसकी गाटा संख्या 2159 पर दबंगों द्वारा कब्जा करके दीवार बना ली गई। वही उक्त गाटा श्रेणी 6-2 की सुरक्षित श्रेणी रास्ता के नाम अंकित है। दबंगों की दबंगई तब और चरम पर हो गई जब दबंगों ने ग्राम समाज की अधिकाँश जमीन पर दीवार बनाकर घेरा बंदी कर ली। पता चला पंकज पाल उर्फ़ सुशील कुमार पाल बेहद दबंग है एक प्रशासनिक अधिकारी ने नाम ना खोलने के शर्त पर बताया पंकज पाल उर्फ़ सुशील कुमार पाल की दबंगई इस कदर क्षेत्र में व्याप्त है कि प्रशासनिक अधिकारी उसके नाम से खौफ खाते हैं। तहसील से और पुलिस के कई कर्मचारियों से उक्त बारे में बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन कोई भी कुछ बताने की लिए तैयार नहीं हुआ। वहीँ विश्वसनीय प्रपत्रों ने सारे राज भूमाफिया पंकज पाल के खोल दिए। प्रपत्रों के अनुसार खाता संख्या 2156 की 0.9470 हेक्टेयर यानी की लगभग चार बीघा जमीन 2011 में सुशील कुमार पाल ने कानपुर के अपने पार्टनर से पैसे लेकर पार्टनर के नाम ही लेने की बात कह कर ली थी, लेकिन जालसाजी करते हुए धोखे से अपने नाम जमीन खरीद ली। वहीं खाता संख्या 2156 से लगी हुई जमीन जिसका खाता संख्या 2159 जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग बारह बीघा है। उक्त भूमि गाटा श्रेणी 6-2 की सुरक्षित श्रेणी रास्ता के नाम अंकित है। उक्त भूमि को भूमाफिया तहसीलदार की मिलीभगत से पैसे व राजनैतिक संरक्षण प्राप्त करके बेचना शुरू कर दिया। वर्तमान समय में खाता संख्या 2159 को खाता संख्या 2156 बताकर उसमे से लगभग सात प्लाट बेच दिया गया। इस काम में उसका सहयोग तहसीलदार और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने किया। कोई जागरूक व्यक्ति यदि इस जालसाजी की शिकायत सम्बन्धित को करता है तो शिकायतकर्ता को कैसे बेवकूफ बनाया जाता है। शिकायतकर्ता को भारी भरकम जुर्माना बता दिया जाता है कि जुर्माना लगा दिया गया है और फिर चुपचाप जुर्माने की राशि को भूमाफिया के हिसाब से लेदेकर सेट कर दिया जाता है और ये लगभग प्रदेश के ज्यादातर जिलों में किया जाता है। वहीँ सुशील कुमार पाल फिर से अपने काम पर लग जाता है। हर बार शिकायत करने वाले से फायदा प्रशासनिक अधिकारी उठाते रहते हैं। शिकायतकर्ता का ज्यादा दबाव पड़ने पर राजनैतिक रसूखदारों का इस्तेमाल किया जाता है। उक्त कब्जे की शिकायत कई बार जिले के एस पी, एस डी एम् और जिलाधिकारी से की जा चुकी है। लेकिन इन दबंगों की दबंगई के आगे किसी की हिम्मत नहीं हो रही कार्यवाही करने की। अब चलते है प्रदेश के तेज तर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन आदेशों की ओर जो भूमाफिया के विरुद्ध किये गए हैं।

1 मई 2017 से लेकर 5 फरवरी 2021 तक जमीन पर कब्जों के कुल 2 लाख 94 हजार 783 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें से 2 लाख 93 हजार 510 मामले निस्तारित हुए।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जब से सत्ता में आई है लगातार भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है। पिछले 5 सालों में अब तक पूरे प्रदेश में 4 हजार से ज्यादा लोगों पर जमीनों पर कब्जे को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं 2200 से ज्यादा भू-माफिया पूरे प्रदेश में चिन्हित किए गए हैं। 4 से अधिक भू-माफियाओं पर तो NSA भी लगाया गया है। जबकि 69 पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। वही मुख्यमंत्री के सख्त आदेश हैं कि किसी भी भूमाफिया को पनपने ना दिया जाए लेकिन फरुखाबाद के अधिकारीयों की मनमानी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बड़ी है। इनके ऊपर मुख्यमंत्री के आदेशों का कोई फर्क नहीं पड़ता है।संवाददाता।आकाश चौधरी